Gun Ninda Stuti Rupak (Isardas Pranit)

गुण-निन्दा-स्तुति रूपक (ईसरदास प्रणीत)
Editor : Jaswant Singh
Language : Hindi
Edition : 2023
ISBN : 9789394649491
Publisher : Rajasthani Granthagar

119.00

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गुण-निन्दा-स्तुति रूपक (ईसरदास प्रणीत)

सन्त शिरोमणि भक्त प्रवर महाकवि ईसरदास जी बारहठ रचित काव्य ग्रन्थ ‘हरि-रस’ निसन्देह डिंगल का सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय काव्य ग्रन्थ होने के साथ-साथ धार्मिक दृष्टि से भी गीता से कम नहीं हैं। तभी तो उत्तरी भारत में धार्मिक आयोजनों में इसका पठन पाठन करने के अतिरिक्त मरणासन्न व्यक्ति को ‘हरि-रस’ का पाठ सुनाने से उसको मोक्ष प्राप्त होता है, ऐसी मान्यता है। Gun Ninda Stuti Rupak (Isardas Pranit)

surely ऐसे पवित्र ग्रन्थ का सैकड़ों वर्ष पहले सिन्ध प्रान्त के मिठी चेलार में सिन्धी भाषा में सर्व प्रथम प्रकाशन हुआ और उसके पश्चात् गुजरात के लींबड़ी के राजकवि श्री शंकर दान जेठीभाई देथा के द्वारा शुद्ध काव्य पाठ के साथ सम्पादन कर प्रकाशन करवाया गया, जिनके लिए वे पाठकों की श्रद्धा के पात्र हैं।

Gun Ninda Stuti Rupak (Isardas Pranit)

thereafter कई विद्वानों ने ‘हरि-रस’ का सम्पादन हिन्दी व गुजराती भाषा में किया जिसके लिए वे सभी महानुभाव बधाई के पात्र हैं, परन्तु पिछले कुछ वर्षो से आधिकारिक रूप से शुद्ध छन्द – पाठ के साथ अनुवादित व सम्पादित ‘हरि-रस’ की सर्व सुलभता में न्यूनता का आभास पाठकों को होने लगा था। तभी तो (मेरी काव्य व गद्य रचनाओं 1. मरुधर महिमा 2. आईदास मा सुजस बावजी, 3. महाकवि ईसरदास जी बारहठ की प्रामाणिक जीवनी के प्रकाशन व देवियांण’ के सम्पादन के पश्चात्) मेरे पास अनेक ‘हरि-रस’ प्रेमी पाठकों के पत्र व फोन आए कि “आप ‘हरि-रस’ का शुद्ध छन्द पाठ के साथ अनुवाद कर सम्पादन करें, तो यह समाज व साहित्य दोनों का सेवा कार्य होगा, क्योंकि वर्तमान में इसकी अत्यधिक आवशकता है।”

also ईसरदास प्रणीत भक्ति रचनाओं में हरिरस, बाल लीला, छोटा हरिरस, गुण भागवतहंस, देवियांण, रास कैला, सभा पर्व, गरूड पुराण, गुण आगम, दाण लीला प्रमुख हैं। भक्ति साहित्य में ‘हरिरस’ सर्वाधिक चर्चित एवं अतुल्य कृति है जिसका राजस्थान, गुजरात एवं मालवा (मध्य प्रदेश) में असंख्य भक्तों द्वारा नित्य पाठ किया जाता है।

Virtues-Blasphemy-Praise Rupal (Isardas Pranit)

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