Rajasthan Ke Lokgeet

राजस्थान के लोकगीत
Author : Dr. Varsha Shekhawat
Language : Hindi
Edition : 2021
ISBN : 9789391446321
Publisher : Rajasthani Granthagar

279.00

SKU: 978-9391446321 Category:

राजस्थान के लोकगीत

surely लोकगीतों का इतिहास उतना ही पुराना है, जितनी पुरानी विश्व की प्राचीन सभ्यता है। लोकगीत शास्त्रीय संगीत का अविकसित रुप नहीं है और न ही शास्त्रीय संगीत लोक संगीत का विकसित रुप है। दोनों ही स्वरुप एक साथ अंकुरित और विकसित होते हैं और दोनों ही एक-दूसरे से प्रेरणा प्राप्त करते हैं। Rajasthan Ke Lokgeet

लोकगीतों की शब्द रचना और स्वर रचना किसी के प्रयास की करामात नहीं, यह अनायास ही लोक मानस के उद्गारों सहित उसी के कंठ से उद्भाषित होकर जन-जन के कंठों की शोभा को बढाते हैं। all in all लोकगीत एक से अनेक कंठों पर गूंजने लगते हैं तथा उनके शब्दों और स्वरों में अधिक मधुरता आ जाती है। स्वर साधना की दृष्टी से भी गुणवंत बन जाते हैं तथा जीवन के साथ एकदम घुले मिले चलते हैं व समयानुसार बनते रहते हैं। लोकगीतों में किसी जाति अथवा समाज का सांस्कृतिक अतीत सभी प्रवृत्तिगत विशेषताओं के साथ सुनिहित होता है। राजस्थान का संगीतमय परिवेश विश्व की सांस्कृतिक परम्पराओं में अपनी अनुपमता के लिए प्रसिद्ध है। सुखद आश्चर्य है कि उसका अपना बहुरंगी आकर्षण देश के नानाविध तनावों और बदलावों  में भी आज अपने अस्तित्व को अलग से रखे हुए जन-सम्मोहन का कारण बना हुआ है।

रजवाड़ी गीतों की परंपरा यहां के साहित्य, संगीत और कला प्रेमी राज परिवारों के सांस्कृतिक जीवन की एक विशिष्ट उपलब्धि है। accordingly प्रस्तुत कार्य प्रबन्ध शेखावाटी के राजपूती लोकगीतों का सांस्कृतिक महत्व को उपसंहार के अतिरिक्त छः अध्यायों में विभक्त किया गया है। Rajasthan Ke Lokgeet

राजस्थानी के लोकगीत – शेखावाटी के विशेष संदर्भ में (Rajasthani Folk Songs – With Special Reference to Shekhawati)

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