पाबू प्रकास महाकाव्य – मोडजी आशिया कृत : राजस्थान के लोक-पूज्य देवताओं में पाबू का नाम बड़ी श्रद्धा व विश्वास के साथ लिया जाता है। केवल चौबीस वर्ष की कम आयु में ही इन्होंने अपने कर्म क्षेत्र में गौ-रक्षा, वचन पालन, मान, मर्यादा, संस्कृति व धर्म की रक्षा में बड़े पराक्रम से जूझते हुए अपने प्राणोत्सर्ग किये। वह लोगों का कण्ठहर बनकर आज तक देवता के रूप में पूजा जा रहा है। ऐसे धीर, वीर पाबू के चरित्र एवम् तत्कालीन सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक तथा विपुल मात्रा में ऐतिहासिक वर्णन में डिंगल के महान कवि मोडजी आशिया ने ‘पाबू प्रकास-महाकाव्य’ नामक इस ग्रन्थ की रचना की। पाबू के भक्तगण व साहित्य प्रेमियों को लम्बे समय से इस महाकाव्य की कमी अखरती थी। इस महाकाव्य के मूल ग्रन्थ का शुद्ध व परिष्कृत रूप में प्रथम संस्करण हिन्दी भावार्थ सहित प्रस्तुत करते हुए सबके लिए इससे लाभार्थ होने की कामना करते हैं।
Pabu Prakash Mahakavya – Modji Aashiya Krit
पाबू प्रकास महाकाव्य – मोडजी आशिया कृत
Author : Shankar Singh Aashiya
Language : Hindi
Edition : 2018
ISBN : N/A
Publisher : RAJASTHANI GRANTHAGAR
₹479.00
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