गणगौर गवरजा : गणगौर या गवरजा, विशेष रूप से राजस्थानी त्यौहार है जिसका अनुष्ठान फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णता पर होली के दूसरे दिन से प्रारम्भ होकर चैत्र शुक्ल तृतीया को गवरजा की शोभायात्रा के साथ सम्पन्न होता है। मुख्यतः महिलाओं के इस त्यौंहार में पुरुषों की भागीदारी गवरजा की सवारी या शोभायात्रा के समय होती है। कन्याएँ अच्छे वर की प्राप्ति और विवाहित स्त्रियाँ अखण्ड सौभाग्य की कामना से देवी गौरी का यह व्रतानुष्ठान लोक प्रचलित विधियों तथा लोकगीतों से सम्पन्न करती हैं। पुराणोक्त षोडश मातृकाओं में गौरी प्रधान मातृका हैं, परन्तु इस समय उनका पूजन मातृ भाव के साथ सखी भाव से अधिक किया जाता है। इसीलिए महिलाएँ गौरी को अपनी बहन और शिव को अपना बहनोई मानकर ही पूजन करती हैं तथा हास्य-विनोद से पूर्ण गीत भी गाती हैं। प्रस्तुत ग्रन्थ में राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों और उससे बाहर राजस्थानियों के प्रमुख केन्द्र नगरों में इस त्यौहार के स्वरूप, परम्पराओं, इतिहास, गीतों आदि का संकलन है।
Gangaur Gavarja
गणगौर गवरजा
Author : Dr. Babulal Sharma
Language : Hindi
ISBN : 9788189302320
Edition : 2018
Publisher : Other
₹400.00
Reviews
There are no reviews yet.