आऊवा का धरना विश्व इतिहास की वह ऐतिहासिक घटना है, जिसने लोक के इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। इस घटना का उल्लेख तो सभी इतिहासकारों ने किया है पर उसे चलत में सूचना देने से ज्यादा महत्त्व नहीं दिया है। इसीलिए इस धरने का सिलसिलेवार विवरण देने के लिए यह पुस्तक तैयार की गई है। इसी संदर्भ में धरना शब्द के अर्थ एवं स्वरूप का विवरण भी प्रस्तुत किया गया है। इस धरने से सम्बन्धित साहित्य भी प्रचुर मात्रा में लिखा गया तथा लिखा जाता रहा है, जिसका भी इस पुस्तक में यथा स्थान उपयोग किया गया है। आऊवा धरने पर मिलने वाली सामग्री का विस्तार से विवरण देने का प्रयास किया गया है। यह सामग्री राजस्थान व गुजरात में यत्र-तत्र बिखरी पड़ी है। इसे संकलित कर यहाँ प्रस्तुत किया गया है। इस पर अभी और भी शोध की आवश्यकता है।
आऊवा का धरना विश्व इतिहास की विश्रुत घटना है। इसके सम्बन्ध में इतिहास ग्रन्थों में चालू चर्चा अवश्य मिलती है। कहीं फुट नोट के रूप में तो कहीं फुटकर जानकारी के रूप में विवरण मिलता है। अभी तक कोई ऐसी पुस्तक नहीं मिली, जिसमें युग चेतना के सबल संवाहक इस धरना परम्परा की व्यवस्थित जानकारी विवेचन के साथ प्रस्तुत की गई हो। धरना विषयक अब तक सामने आई जानकारियाँ दो प्रकार की हैं। प्रथम, धरने से सम्बन्धित रचनाएं एवं स्मारक स्थान-स्थान पर हस्तलिखित प्रतियों व देवलियों (स्मारकों) के रूप में समकालीन व बाद के काव्य प्रेमियों द्वारा संकलित कर सहेजे गए तथा जन साधारण ने उसे लोकमुख पर धारण कर जीवित रखा। द्वितीय, इतिहासकारों ने भी इस आऊवा धरने पर प्रसंग आने पर संक्षिप्त पाद टिप्पण या विवरण दिया है।
Aauva ka Dharna
आऊवा का धरना
Author : Bhanwar Singh Samaur
Language : Hindi
ISBN : 9789387297920
Edition : 2020
Publisher : RG GROUP
₹149.00
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