Hela Khyal

हेला ख्याल
Author : Lalaram Sharma, Meena Baoda
Language : Hindi
Edition : 2012
ISBN : 9789381951187
Publisher : RG GROUP

595.00

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हेला ख्याल : प्राचीनकाल से ही राजस्थान में संगीत, नृत्य एवं कला की परम्पराएं विख्यात एवं समृद्ध रही हैं। राज्य के सभी जिलों में अनेक तरह के गीत-संगीत एवं वाद्य यंत्र आमजन द्वारा गाये-बजाये जाते रहे हैं। राजस्थान में क्षेत्र की दृष्टि से भी कलाओं का विकास हुआ एवं वर्तमान में भी यह प्रक्रम गतिशील है।

पूर्वी राजस्थान में हेला ख्याल की परम्परा काफी प्राचीन रही है और विगत काफी वर्षों से इस विधा को विभिन्न क्षेत्रों में अच्छी पहचान मिली है। राज्य के पूर्वी भाग विशेषकर करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, लालसोट क्षेत्र में हेला ख्याल बहुत प्रसिद्ध रहा है। इस क्षेत्र में आमजन के लोकानुरंजन हेतु यह एक सशक्त विधा रही है।

हेला ख्याल गायन के इतिहास के बारे में ठीक से कोई प्रमाणिक दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं। इसका कारण यह रहा कि इस विधा के बारे में आज तक कोई प्रमाणिक लेखन नहीं हुआ। किन्तु यह निश्चित है कि करीब पिछले एक-दो सदियों से यह परम्परा चली आ रही है। दौसा, करौली, सवाई माधोपुर, अलवर, धौलपुर, टोंक क्षेत्र एवं जयपुर जिले के कुछ भाग ऐसे हैं जहाँ पर इस विधा को गाया एवं सुना जाता है। इसका सर्वविदित स्थल लालसोट मण्डावरी (दौसा) क्षेत्र है, जहाँ इसके गायन हेतु बड़े-बड़े दंगल आयोजित किये जाते हैं।

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