राजस्थान का बदलता सामाजिक स्वरूप (20वीं शताबदी में मेवाड़) : वर्तमान भारतीय समाज अब परम्परागत समाज नहीं रहा बल्कि अब इसे आधुनिक समाज के रूप में देखा जाने लगा है। प्रस्तुत शोध ग्रन्थ में 20वीं सदी के मेवाड़ के सामाजिक जीवन के परिवर्तित स्वरूप का विशेष रूप से चित्रण किया गया है। मेवाड़ राज्य 1948ई. में राजस्थान संघ में विलय से पूर्व सामन्तवादी एवं पुरातनपंथी विचारणाराओं के कारण मेवाड़ी समाज पूर्णतया परम्परावाद भी स्वीकार करने के पक्ष में नहीं था। भारत में अंग्रेजों के आगमन स्वतंत्रता आंदोलन व आधुनिक भारत में विभिन्न नियोजित उपायों ने भारतीय समाज को अन्दर से झकझोर दिया है। भारतीय समाज में एक नई बौद्धिक चेतना का प्रसार हुआ है, जिसकी प्रवृत्ति वैज्ञानिक है। प्रोद्योगिकी विकास औद्योगिकरण, नगरीकरण, पश्चिमीकरण, भूमण्डलीकरण, आर्थिक उदारीकरण, उपभोक्ता संस्कृति शिक्षा के विकास, सामाजिक एवं धार्मिक आन्दोलनों, संस्कृतिकरण, फैशन, सामाजिक मूल्यों तथा नियोजित विकास, पंचायत राज का विकास एवं 73-74 संविधान संशोधन, वैधानिक उपायों के अन्तर्गत अनुसूचित जाति व जनजाति के संवैधानिक व वैधानिक रक्षात्मक उपायों आदि के कारण सामाजिक जीवन में होने वाले प्रभावों का गहराई से अध्ययन करना, प्रस्तुत शोध ग्रन्थ का प्रमुख ध्येय रहा है।
Rajasthan ka Badalta Samajik Swaroop (20vi Shatabadi mein Mewar)
राजस्थान का बदलता सामाजिक स्वरूप (20वीं शताबदी में मेवाड़)
Author : Shashi Depal
Language : Hindi
Edition : 2018
Publisher : RG GROUP
₹319.00
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