गबन : उपन्यास सम्राट प्रेमचन्द हिन्दी के उन अग्रपांक्तेय उपन्यासकारों में से है, जिन्होंने हिन्दी उपन्यास के शैशव कल में ही उसमे एक अप्रतिम गंभीर्य, जन-चेतना और समाज-चेतना भर दी थी। कल्पनाओं से भी ऐय्यारी और जासूसी-तिलस्मी उपन्यासों की प्रधानता के बीच पहली बार प्रधानता के बीच पहली बार प्रेमचंद ने ही समाज में व्याप्त एक असहनीयकुण्ठा, नैराश्य एवं जन-हाहाकार को औपन्यासिक अभिव्यक्ति दी और एक युग को, सारी प्रवृतियों और तमाम मनोवृत्तियों-मान्यताओ के साथ, परिवर्तित कर डाला। उन्होंने हिन्दी उपन्यास को नया संस्कार और नया धरातल ही नहीं दिया, उसे एक नयी चिंताधारा, एक नयी चेतना-भूमि एक नयी सामाजिकता भी प्रदान की। ‘गबन-एक ओर भारतीय स्रियों की विनाशकारी आभूषण-वासना की कहानी है और दूसरी और साधारण मध्यवर्ग के लोगों की उस दुर्भाग्यपूर्ण प्रदर्शनप्रिय मानसिकता को जो अपनी सच्ची विपन्न आर्थिक स्थिति को छिपाकर अपने को बहुत सम्पन्न दिखलाने में व्यक्त होती है।
Gaban
गबन
Author : Munshi Premchand
Language : Hindi
ISBN : 9789384406011
Edition : 2018
Publisher : RG GROUP
₹250.00
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