श्री नाथद्वारा जागीर का इतिहास : आचार्य वल्लभ द्वारा प्रदत्त शुद्धादैत दर्शन के तहत पुष्टि सेवा को आराध्य प्रभु श्रीनाथजी के माध्यम से जनसामान्य तक पहुंचाने का कार्य मेवाड़ में महाराण राजसिंह के शासन काल में श्रीनाथद्वारा जागीर से आरम्भ हुआ।
मेवाड़ रियासत सहित अन्य रियासतों ने प्रभु श्रीनाथजी की सेवार्थ यहां के तिलकायतों को समय-समय पर जागीर के रूप में अनेक गांव भेंट किये। शनैः शनैः श्रीनाथद्वारा एक समृद्ध जागीर के रूप में विकसित हुआ ही साथ सगुण भक्ति परम्परा के अनुयायी वैष्णवों का प्रमुख तीर्थ स्थल भी बन गया।
पुस्तक में श्रीनाथद्वारा में मेवाड़ व ब्रज की संस्कृति के समन्वय से निर्मित नवीन समावेशी मिश्रित संस्कृति के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डालते हुए श्रीनाथद्वारा के सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक व प्रशासनिक आयामों का विस्तार से विवेचन पुस्तक ‘श्रीनाथद्वारा जागीर का इतिहास’ में प्रस्तुत किया गया है।
Shri Nathdwara Jagir ka Itihas
श्री नाथद्वारा जागीर का इतिहास
Author : Ashutosh Gurjar
Language : Hindi
ISBN : 9789387297371
Edition : 2018
Publisher : RG GROUP
₹400.00
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