सत्संग महिमा
सत्संग की प्रवाहमयी सुगन्ध से सुगन्धित वातावरण में विभिन्न रंग-बिरंगे पुष्पों को संग्रहित कर भजनों के विभिन्न अंगों को समायोजित कर एक भजन संग्रह का नवीनतम स्वरूप प्रस्तुत किया जा रहा है। इस सत्संग महिमा में गजानन वंदना से ब्रह्ममुहुर्त की आरती पर्यन्त विभिन्न वाणियों, कथाओं, गुरुमहिमाओं का समावेश किया गया है। वन-उपवन, अग्नि, मन्दिर को सत्संग के वातावरण से संजोने हेतु सम्पूर्ण वातावरण को भजनमय करने के लिए, जनमानस के हृदयकमल को आलोकित करने के उद्देश्य से ‘सत्संग-महिमा’ का प्रकाशन अत्यावश्यक समझा गया। इस ग्रंथ में क्रमानुसार सभी देवी-देवताओं के भजनों का संकलन है। Satsang Mahima
यथा- गजाननजी, गुरु-महिमा, रामदेवजी प्रभु, कृष्ण-मीरां, राम-हनुमान, चेतावनी, हेली, फकीरी, सोरठा, जोगिया। विविध प्रसिद्ध कथाओं का वर्णन – ‘अन्य लोकप्रिय भजन’ शीर्षक अन्तर्गत प्रदत्त है। यह ‘सत्संग-महिमा’ आपको भक्ति-भाव की प्रेरणा देने में सार्थक सिद्ध होगी। सत्संग को सत्संग के घर में लाने में प्रेरणास्त्रोत बनकर आपके जीवन को संगीतमय करने में सहायक सिद्ध होवे। Satsang Mahima
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