संत शिरोमणि महाकवि ईसरदास जी कृत हरि-रस (हरिरस) शुद्धिकरण के साथ हिन्दी अनुवाद सहित। चारण भक्ति साहित्य में हरिरस ग्रन्थ अपना अलग स्थान रखता है। सन्त कवि ईसरदास को ईसरा परमेसरा कह कर उनके कृतित्व को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। महादान सिंह बारहठ भादरेस जी ने अथक परिश्रम कर हरिरस की विभिन्न उपलब्ध प्रतियों का गहन अध्ययन तथा शोध कर जनसाधारण को प्रामाणिक ग्रन्थ उपलब्ध कराने के स्तुत्य कार्य किया है।
पुस्तक में हरिरस के प्रत्येक छन्द को सरल भाषा में समझाते हुए उनमें वर्णित पौराणिक कथाओं और पात्रों का अनुपम वर्णन किया है, जिससे ग्रन्थ बहुत ही रोचक हो गया है। प्रस्तुत ग्रन्थ में आए विभिन्न शब्दों का एक छोटा किन्तु पुस्तक की दृष्टि से सम्पूर्ण शब्दकोष इस ग्रन्थ की उपादेयता को बढ़ा देता है।
Sant Shiromani Mahakavi Isardas Krit “Hari Ras” (Hariras)
संत शिरोमणि महाकवि ईसरदास कृत “हरि रस”
Author : Badari Prasad Sakariya
Language : Hindi
ISBN :
Edition : 2018
Publisher : RG GROUP
₹300.00
DINESH KUMAR BISSA –
चारण भक्ति साहित्य में हरिरस ग्रन्थ अपना अलग स्थान रखता है । सन्त कवि ईसरदास को ईसरा परमेसरा कह कर उनके कृतित्व को सर्वोच्च स्थान दिया गया है । बदरीदास साकरिया ने अथक परिश्रम कर हरिरस की विभिन्न उपलब्ध प्रतियों का गहन अध्ययन तथा शोध कर जनसाधारण को प्रामाणिक ग्रन्थ उपलब्ध कराने के स्तुत्य कार्य किया है ।
पुस्तक में हरिरस के प्रत्येक छन्द को सरल भाषा में समझाते हुए उन में वर्णित पौराणिक कथाओं और पात्रों का अनुपम वर्णन किया है जिससे ग्रन्थ बहुत ही रोचक हो गया है । प्रस्तुत ग्रन्थ में आए विभिन्न शब्दों का एक छोटा किन्तु पुस्तक की दृष्टि से सम्पूर्ण शब्दकोष इस ग्रन्थ की उपादेयता को बढ़ा देता है ।
ग्रन्थ अच्छे कागज़ पर छपी है , कवर पेज आकर्षक तथा मूल्य उचित है । प्रिंटिंग तथा प्रूफ़ सम्बन्धी अशुद्धियों से रहित ग्रन्थ के लिए लेखक के साथ ग्रन्थ के प्रकाशक राजस्थानी ग्रन्थागार की सम्पूर्ण टीम का आभार ।