डिंगल कवि महादानसिंह बारहठ भादरेश कृत – ईसरदास बत्तीसी
‘ईसरदास बत्तीसी’ डिंगल व हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार कविवर श्री महादान सिंह बारहठ भादरेश ‘मधुकवि’ द्वारा रचित 32 मत गयंद सवैयों की एक लघु काव्य रचना है जिसमें महात्मा एवं महाकवि ईसरदासजी के सम्पूर्ण जीवन चरित्र को काव्य में गूंथा गया है, साथ ही उनके सम्पूर्ण पर्यों को भी दर्शाया गया है। Isardas Battisi
although महाकवि ईसरदासजी ने लगभग 40 काव्य ग्रंथों की रचना की जिनके जीवन चरित्र एवं साहित्य पर अनेक शोधकर्ताओं ने कई शोधग्रंथों की रचना भी की, परन्तु आज तक उनके जीवन पर कोई काव्य रचना किसी कवि ने नहीं लिखी। यह अभाव साहित्य जगत में खटक रहा था। कविवर महादान सिंह जी द्वारा ईसरदास जी रचित ‘करण बत्तीसी’ को गुजराती लिपि से हिन्दी लिपि में लिख कर भावानुवाद सहित उसका संपादन व प्रकाशन करने पर पाठकों को यह रचना अत्यधिक प्रसन्न आई। अनेक पाठकों ने मांग की, कि करण बत्तीसी जैसी काव्य रचना महात्मा एवं महाकवि ईसरदासजी के जीवन पर हों तो अत्युत्तम रहे।
hence कविवर महादान सिंह जी ने साहित्य जगत में महाकवि ईसरदास जी के जीवन पर काव्य रचना की आवश्यकता एवं पाठकों की मांग पर ईसरदास जी के सम्पूर्ण जीवन की मुख्य मुख्य घटनाओं का उल्लेख करते हुए 32 मत गयंद सवैयों की इस काव्य कृति का सृजन किया।
इस कृति की विशेष विशेषता यह है कि काव्य में वर्णित सम्पूर्ण घटनाओं की अन्तरकथाएं विस्तारपूर्वक पुस्तक में दी गई हैं ताकि पाठकों को काव्य को समझना सुविधाजनक रहे। इसरदास के बारे में भक्तों के बीच कई किंवदंतियाँ/चमत्कार लोकप्रिय हैं, और also वंश भास्कर में भी वर्णित हैं। surely देवियाण और हरिरस (भक्ति काव्य) और हाला-झाला रा कुंडलिया (वीर-रस काव्य) जैसी लोकप्रिय रचनाओं का श्रेय ईशरदास को दिया जाता है। उनके भक्तों द्वारा ‘संत महात्मा इसरदास’ के रूप में भी जाना जाता है। इसरदास की रचनाओं की भाषा डिंगल है।
Isardas Battisi
Isardas Battisi (Dingal Kavi Mahadan Singh Barhath Bhadresh Krit) : Poetry By Mat Gayand Savaiya (With Inter-Narratives)
click >> अन्य सम्बन्धित पुस्तकें
click >> YouTube कहानियाँ
Reviews
There are no reviews yet.