गोरख वाणी और गोरख बोध : नाथ सम्प्रदाय में यह मान्यता है कि ईश्वर मन्दिर मस्जिद में नहीं है, वह बाहरी कर्मकाण्ड और प्रदर्शन में भी नहीं है। ईश्वर को बाहर ढूंढ़ने का प्रयास निरर्थक है। आज यह क्रांतिकारी सोच देश में बने हजारों मन्दिरों, मस्जिदों का झगड़ा स्वतः ही खत्म हो जाएगा। गोरख की सीधी सादी भाषा में कहें तो इस प्रकार है-
तुम्बी में त्रिलोक समाया, त्रिवेणी रवि और चंदा।
हमारे शरीर में तीन लोक त्रिवेणी, तीर्थ सूरज व चाँद निवास करते हैं।
Gorakh Vani Aur Gorakh Bodh
गोरख वाणी और गोरख बोध
Author : Indra Singh Sisodiya
Language : Hindi
Edition : 2018
ISBN : 9788188757671
Publisher : Rajasthani Granthagar
₹200.00






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