हम अच्छे नागरिक कैसे बने? : क्या यह संभव है कि ईमानदार व्यक्ति के बिना ईमानदार प्रशासन खड़ा किया जा सके? धर्म-निरपेक्ष समाज के बिना धर्म-निरपेक्ष राज्य खड़ा किया जा सके? लोकतान्त्रिक स्वभाव के व्यक्तियों के बिना लोकतान्त्रिक ढाँचा सफलतापूर्वक कार्य कर सके? और गहरी व मजबूत नींव के बिना भव्य सुन्दर भवन खड़ा किया जा सके? जब तक भारतीय मानस में सुधार नहीं होता कोई प्रशासनिक, आर्थिक और संवैधानिक सुधार देश को अक्षमता, अव्यवस्था और भ्रष्टाचार के गर्त से बाहर नहीं निकाल सकता। एडमण्ड वर्क कहते हैं, ‘बुराई की जड़े जमाने के लिए इतना ही काफी है कि अच्छे लोग कुछ न करें और बुराई जड़ पकड़ लेगी।’
अपने देश की सभ्यता, संस्कृति और परम्परा कहती है कि हमारी पहली जिम्मेदारी समाज के प्रति है, दूसरी परिवार के प्रति और तीसरी स्वयं के प्रति। कवि दिनकर कहते हैं :
समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याघ।
तो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।।
Hum Acche Nagrik Kaise Bane?
हम अच्छे नागरिक कैसे बने?
Author : Pukhraj Jain
Language : Hindi
Edition : 2018
ISBN : 9789384406585
Publisher : RG GROUP
₹300.00
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