बनियों की लोक कथाएँ : राजस्थानी लोक-कथाओं में जहां एक ओर लोक मानस की कल्पना, धार्मिकता एवं नीति तत्व निहित है वहीं इनसे समाज के विभिन्न वर्गो की मान्यताएं एवं धारणाएं भी ज्ञात होती हैं। बनियों की लोक-कथाओं में जाति या समुदाय विशेष से सम्बन्धित लोक-कथाएं है, जो उस वर्ग की मानसिकता, सामाजिकता, जीवन-शैली, आचार-विचार व उसके सोच को प्रकट करने में सक्षम है। ये लोक-कथाएं जहां हास्य-विनोद व मनोरंजन करती हैं, वहीं समदाय विशेष की निजी संस्कृति को भी उद्घाटित करती है।
बनियों की लोक-कथाएं समाज में प्रचलित उस समुदाय विशेष से सम्बन्धित मान्यताओं व धारणाओं के सामाजिक पक्ष का सहजगम्य स्वरूप अभिव्यक्त करती हैं। कथाओं की अपनी विशेषता है। इसमें किसी प्रकार की निन्दा या प्रशंसा का लक्ष्य नहीं रहा है, समाज के वास्तविक चित्रण का उद्देश्य मुख्य रहा है।
पुस्तक में प्रकाशित बनियों की लोक कथाएं मात्र बनियों के व्यवहार व उनकी सामाजिक विशेषताओं को ही प्रकट नहीं करती पूरे प्रदेश के सांस्कृतिक जीवन के स्वरूप की झांकी प्रस्तुत करती है। इससे पाठकों का सुरूचिपूर्ण मनोरंजन अवश्य होगा।
Baniyo Ki Lok Kathayen
बनियों की लोक कथाएँ
Author : Rajendra Singhvi, Vikram Singh Rathore
Language : Hindi
2nd Edition : 2016
ISBN : 9788188757253
Publisher : Rajasthani Granthagar
₹145.00
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