बोलने की कला और सफलता : प्रखर वक्ता होना, ओजस्वी वाणी का स्वामी होना, प्रभावी शैली में श्रोताओं को मंत्र-मुग्ध कर देने की क्षमता जिसमें हो, वह सामान्य व्यक्ति की तुलना में अधिक सफल होने की संभावना रखता हैं। बातचीत करना भाषण की कला सीखने का सबसे पहला सिद्धांत है। शुरुआती दौर में स्वर एवं अदांज जैसी कलाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं होती है। बातचीत करना कला को सीखने का पहला सिद्धांत हैय अर्थात् बोलिए, वाद-विवाद में हिस्सा लिजिए अपनी प्रतिभा का स्वयं आकलन कीजिए और दर्शकों की आलोचना से सीखने की कोशिश कीजिए।
सवाल है कि खुद की गलतियों को कैसे समझा जाए ? इसके लिए कुछ तथ्यों को समझने की आवश्यकता है – महान वक्ता में कौनसे विशेष गुण होते हैं और उन गुणों को कैसे प्राप्त किया जा सकता है ? स्वयं के व्यक्तित्व में ऐसी कौन सी कमी है, जो इन गुणों की प्राप्ति में बाधा बन सकती है ? इस विषय पर महान लेखक डेल कारनेगी की सदाबहार एवं सर्वाधिक पसंद की जाने वाली इस पुस्तक के द्वारा कोई भी सामान्य व्यक्ति दर्शकों के समक्ष बोलने के क्षेत्र में कामयाबी के शिखर तक पहुंच सकता है।
Bolne Ki Kala Aur Safalta
बोलने की कला और सफलता
Author : Dale Carnegie
Language : Hindi
5th Edition : 2018
ISBN : 9788188757220
Publisher : RG GROUP
₹300.00
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