रामस्नेही संतकाव्य परम्परा और मूल्यांकन : राजस्थान की वीर-प्रसविनी वसुंधरा में प्रादुर्भूत ‘रामसनेही’ की अभिधा से अलंकृत विभिन्न सम्प्रदायों में सर्वाधिक प्राचीन तथा उच्चकोटि के संत दरिया साहब (मारवाड़ वाले) के द्वारा प्रवर्तित ‘रामसनेही संप्रदाय (रेण)’ पर केंद्रित यह प्रथम शोध कार्य है। लेखक ने इस सम्प्रदाय के विभिन्न धार्मिक स्थानों की यात्रा कर परिश्रमपूर्वक शोध-सामग्री की खोज एवं संकलन कर उसका गंभीरतापूर्वक विवेचन-विश्लेषण किया है, जिससे इसमें उद्घाटित तथ्य पूर्णतः प्रामाणित एवं सर्वथा मौलिक बन पड़े हैं। शोध-प्रबंध के पुस्तक रूप में प्रकाशन से जहाँ ऐसे अनेक संत कवि जिनका हिन्दी साहित्य के संदर्भ ग्रंथों आदि में उल्लेख तक नहीं मिलता, सामने आए हैं, वहीं मध्यकालीन काव्य का अंश जो अभी तक हस्तलिखित रूप में सम्प्रदाय के केन्द्रों तथा हस्तलिखित ग्रंथ संग्रहालयों में अप्रकाशित अवस्था में है, विवेचित-विश्लेषित होकर हिन्दी साहित्य की मुख्यधारा में सम्मिलित हुआ है।
Ramsnehi Santkavya Parampara aur Mulyankan
रामस्नेही संतकाव्य परम्परा और मूल्यांकन
Author : Satish Kumar
Language : Hindi
Edition : 2015
Publisher : RG GROUP
₹400.00
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