चित्तौड़ के जौहर व शाके : वीरता के राष्ट्रीय तीर्थ चित्तौड़ का नाम इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। यहाँ का कणदृकण स्वतन्त्रता के लिए जीवन की आहुति देने वाले बलिदानी वीरों के आत्मोसर्ग की कहानी कह रहा है। राजस्थान की युद्ध परम्परा में जौहर व शाकों का अपना विशिष्ट स्थान है। यहाँ पराधीनता की बजाय मृत्यु का आलिंगन श्रेष्ठ माना गया है। मध्यकाल में जब रक्षात्मक युद्ध करते समय यह स्थिति आ जाती है कि शत्रु के घेरे के भीतर रहकर अधिक दिन तक जीवित रहने की सम्भावना नहीं रहती तब जौहर व शाके किये जाते थे। चित्तौड़गढ़ पर ऐसे इतिहास प्रसिद्ध तीन शाके हुए, जिनका विवेचन प्रस्तुत पुस्तक में किया गया है। ऐतिहासिक व साहित्यिक दोनों की दृष्टि से यह पुस्तक उपादेय है।
Chittor Ke Johar Va Shaake
चित्तौड़ के जौहर व शाके
Author : Sawai Singh Dhamora
Language : Hindi
Edition : 2019
ISBN : 9789384168056
Publisher : Rajasthani Granthagar
₹139.00
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