डॉ. अम्बेडकर डॉ. हेडगेवार और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ : हिन्दू समाज न्यायपूर्ण हो, समरसतायुक्त हो और भेदभाव से मुक्त होकर संगठित हो, यही डॉ. अम्बेडकर का ध्येय था। 1973 में तत्कालीन सरसंघचालक श्री गुरुजी ने लिखा था- ‘अपमानित समाज के महत्त्वपूर्ण हिस्से को आत्मसम्मानपूर्वक खड़ा करके डॉ. अम्बेडकर ने राष्ट्र के ऊपर असीम उपकार किया है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बारे में डॉ. अम्बेडकर के मन में बहुत जिज्ञासा थी। वे संघ शिविर में गए और अस्पृश्यता का कोई नामो-निशान न देख कर प्रसन्न हुए थे। वे महाराष्ट्र में कराड़ की भवानी शाखा और दापोली की शाखा में गए थे। 1948 में जब संघ पर प्रतिबन्ध लगा हुआ था, तो पूज्य गुरु जी डॉ. अम्बेडकर जी से मिले थे। अपनी व्यथा उनके सामने रखी थी और संघ पर से जब प्रतिबन्ध हटा तो, पूज्य गुरु जी ने उनको कृतज्ञता पत्र भेजा था। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के समस्त स्वयं सेवक एकात्मकता स्त्रोत में (ठक्करों भीमराश्व, फुले नारायणो गुरु:) हर दिन उनका स्मरण करते हैं। उनको प्रात: स्मरणीय मानते है।
दुनिया की तमाम संस्थाओं और संगठनों के उत्थान पतन का अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि संघ जैसी क्षमता और उद्देश्य की पवित्रता शायद किसी में नहीं रही, न रहेगी। ऐसे में समझ में नहीं आता कि भारत में व्याप्त भ्रष्टाचार का कोढ क्यों अन्ना हजारे का मुद्दा हो जाता है और आजादी के 72 साल बाद भी संघ का नहीं? क्यों हिन्दू व्यवस्था की कुरीतियां, जिसमें दलित दमन भी है, संघ का ध्यान आकृष्ठ नहीं कर पाई? क्यों इतना विलम्ब हुआ? यह एक विचारणीय प्रश्न है।
Dr. Ambedkar Dr. Hedgevar Aur Rashtriya Swayam Sewak Sangh
डॉ. अम्बेडकर डॉ. हेडगेवार और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ
Author : Mohanlal Joad
Language : Hindi
Edition : 2020
ISBN : 9789387297807
Publisher : RG GROUP
₹200.00
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