गाँधी और आचार्य तुलसी का समाज दर्शन : आचार्य तुलसी व महात्मा गांधी दोनों ही स्वतंत्र विचारक व कर्मयोगी थे। यह सत्य है कि उन दोनों के विचार दर्शन को किसी ‘वाद’ की संज्ञा नहीं दी जा सकती है तथा उन दोनों ने ही किसी व्यवस्थित, क्रमबद्ध, सामाजिक, धार्मिक या आध्यात्मिक दर्शन को प्रस्तुत नहीं किया था। महात्मा गांधी व आचार्य तुलसी दोनों के ही हृदय में असहाय, निर्धन, प्रताड़ित तथा सामाजिक अन्यायों से पीडित मानवता के प्रति असीम सहानुभूति थी। उन्होंने सम्पूर्ण मानव जाति के उत्थान को अपने विचारों व कार्यकलापों का केन्द्र बनाया तथा अपनी रचनाओं, लेखों भाषणों द्वारा जो विचार व्यक्त किये उसी के अनुसार अपने जीवन को ढालकर एक आदर्श उपस्थित किया।
प्रस्तुत पुस्तक आचार्य तुलसी व महात्मा गांधी के समाज से जुड़े प्रमुख विचारों को तुलनात्मक व व्यवस्थित क्रम प्रदान करते हुए उनके उस रूप को प्रस्तुत करती है जहाँ उन्होंने आध्यात्म की पृष्ठभूमि में समस्त मानव जाति के कल्याण के लिये नये दर्शनों की व्याख्या करके नहीं अपितु प्राचीन दर्शनों को आचरण में लाकर एक नवीन दर्शन प्रस्तुत किया।
Gandhi aur Aacharya Tulsi ka Samaj Darshan
गाँधी और आचार्य तुलसी का समाज दर्शन
Author : Asha Bhandari
Language : Hindi
ISBN : XXXXXXXXXXXXX
Edition : 2015
Publisher : RG GROUP
₹250.00
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