Rajasthani Amolak Bataan

राजस्थानी अमोलक बातां
Author : Pannalal Kataria
Language : Rajasthani-Hindi
Edition : 2021
ISBN : 9789390179114
Publisher : Rajasthani Granthagar

129.00

राजस्थानी अमोलक बातां : राजस्थानी भासा रा आधुनिक चावा ठावा कहाणीकार रे रूप में श्री पन्नालाल कटारिया रो नांव गेल रा बरसां सूं पाठकां रे साम्ही आयौ। इणारो पैलो कहाणी संग्रै “झूमकौ: बातां रौ” निजरां आयौ। झूमकौ लड़ालूंब, रसकूंप इणरी सगळी कहाणियां टाळवी। पाठकां रे घणी दाय आई। इण ई’ज भांत घणी मैणत अर लगन रे पाण इणारो दूजौ कहाणी संग्रै “राजस्थानी अमोलक बातां” आज पाठकां रे साम्ही आयौ है। इण कहाणी संग्रै मांय श्री कटारिया, राजस्थान री सांस्कृतिक छिब रां सांतरा चितराम उकेरिया।
इण पोथी मांय भांत-भांत री कहाणियां जको समाज ने अैक नवी दीठ दैवती सी लागे। घणकारी कहाणियां मांय नीति री सीख मिळै।
कहाणीकार री पौथी “राजस्थानी अमोलक बातां” री हथोटी रा अैनाण इण भांत मिळे जिणमें असूल, हथलेवा रौ पाप, ग्रेजुअेट बेगर, सुपातर बेटी, बेटा रो मोल, अमानत, दिवाळी रा म्हैल माळिया, माटी री हांडी, इकतीसवों दिन, रबड़ री मेाहर, नैकी आद कहाणियां में सांप्रत लखावै।
आ पौथी राजस्थानी कहाणी संग्रै रे सीगै बखाण जोग अर आम पाठकां रै वास्ते ई अवैरण जोग है।
म्हैं श्री पन्ना लाल कटारियां ‘बिठौड़ा’ ने घणा रंग देवूं के आप इणी’ज भांत लगौलग लिखता रैवो इणसूं कहाणियां रौ अखूट खजानौ पाठकां रै निजरां साम्ही आवै।
इण कहाणी संग्रै री सगळी कहाणियां ओपती, मनमोवणी अर घणी सोवणी लागे। अेकर फेरूं लेख ने म्हारे कांनी सूं अंतस तणी बधाई।

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