बातां री फुलवाड़ी (भाग 1)
- बाबासा री सीख : मुखड़ी
- चौधरण री चतराई
- मौका री उपज
- ठाकर रौ आसण
- हरड़-भुसंदा हौ
- निगैदास्ती
- दोय बेरा करिया दीसै
- बांणिया नै बेटा कोदिया नीं
- सपनौ आधौ साचै
- भांबी रौ सपनौ
- नाई वाळौ ठोलियौ
- नाई नै राजी करणौ
- लेतौ जा
- साधू री कमाई
और भी बहूत कुछ…
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