सूर्य नगरी जोधपुर : पंद्रहवीं शताब्दी में बसी जोधपुर नगरी, इक्कीसवीं सदी के आते-आते कई बार बदली। घाटू पत्थर की मरुस्थलीय सरचनाएं विलुप्त हुईं और छीतर तथा ग्रेनाइट की चमकती-दमकती काॅलोनियां प्रकट हुईं। तालाब और बावड़ियां अदृश्य हुए तथा जलदाय विभाग के नल विस्तृत हुए। अभेद्य मध्ययुगीन नगरप्राचीर निःशेष हुई और भग्न प्रवेशद्वार ही उसकी गौरवमयी गाथा कहने को शेष बचे। देवालयों के देवता बदल गये, उनकी पूजा के विधि-विधान बदल गये। घरों के बाहर थपे मेहंदी के हाथ बदल गये। सेठों और सामंतों के दरवाजों पर झूमने वाले हाथियों के झुण्ड थककर सो गये। रूपमद से दमदमाती नृत्यांगनाओं के घुंघरू भी कहीं खो गये। चौबीसों घण्टे नंगी तलवारें लिये, बड़ी-बड़ी मूंछों वाले सिपाहियों की जगह राइफलधारी गार्ड आ गये। राजाओं के घोड़ों, रानियों की पालकियों और अंग्रेज हाकिमों की टमटमों के स्थान पर कारों के बेड़े आ गये। इतना कुछ बदल जाने पर भी सूर्यनगरी का वैभव अमर है। नगर में स्थित विविध सरंचनाएं इस वैभव की अमरगाथा कहती हैं। भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के समय यह नगर, देश की तीसरी सबसे बड़ी रियासत की राजधानी था। इसे देखने के लिये यूरोप भर से पर्यटक आते थे, वह सिलसिला आज भी विद्यमान है। यह पुस्तक, भारतीय पर्यटकों को उसी कालजयी वैभव के दर्शन करने में सहायता करती है। यह एक ऐसी पुस्तक है जिसे पढ़ना आरम्भ करने के बाद आप बीच में छोड़ना नहीं चाहेंगे।
Surya Nagari Jodhpur
सूर्य नगरी जोधपुर
Author : Mohanlal Gupta
Language : Hindi
Edition : 2019
ISBN : 9789384168841
Publisher : RAJASTHANI GRANTHAGAR
₹149.00
Reviews
There are no reviews yet.