Rajasthan Ka Sanskratik Itihas

राजस्थान का सांस्कृतिक इतिहास
Author : Dr. Bhagwan Singh Shekhawat
Language : Hindi
Edition : 2022
ISBN : 9789391446888
Publisher : Rajasthani Granthagar

399.00

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राजस्थान का सांस्कृतिक इतिहास

प्रस्तुत पुस्तक में प्रो. बी.एल. भादानी ने विभिन्न ऐतिहासिक स्त्रोतों के आधार पर अपने आलेख “थार मरूस्थल की जल संग्रहण की संस्कृति” में थार के भूगोल का सजीव वर्णन करते हुए स्थानीय परम्परागत जल संग्रहण तकनीक की रोचक जानकारी दी है। also प्रो. भादानी ने कुओं व बावड़ियों के निर्माण, सिंचाई की तकनीक का उल्लेख करते उदाहरणों द्वारा थार की जल संस्कृति को प्रस्तुत करते हुए मृतप्रायः विरासत को पुर्नजीवित करने की आवश्यकता पर बल दिया है। Rajasthan Ka Sanskratik Itihas

प्रो. डाॅ. जे.सी. उपाध्याय ने accordingly “मुहणोत नैणसी के ग्रंथों में राजस्थान इतिहास के कुछ पहलू” में मारवाड़ के ख्यातकार नैणसी द्वारा वर्णित विविध सांस्कृतिक पक्षों, आस्था केन्द्रों व संस्कारों का उपयोगी वर्णन किया है। प्रो. सुशीला शक्तावत ने “मेवाड़ शैली में रसिकप्रिया के चित्रण का एक तथ्यपरक अध्ययन” अध्याय में केशवदास रचित ग्रंथ रसिकप्रिया ग्रन्थ में राधा-कृष्ण के रूपांकन, रीतिकालीन वेशभूषा व मुगल प्रभाव का विश्लेषण किया है।

डाॅ. विक्रमसिंह भाटी ने “मारवाड़ राजघराने की बहियों में इत्र के संदर्भ” में रियासतकालीन राज मारवाड़ में प्रयुक्त इत्रों के प्रकार, इत्रों की विशेषता व मूल्यों आदि का महत्वपूर्ण वर्णन बहियों के आधार पर किया है। संपादक डाॅ. भगवानसिंह शेखावत ईडवा ने प्राप्त बहियों व अन्य स्त्रोतों के आधार पर “मारवाड़ के पर्वोत्सव व संस्कार” शोध आलेख में मारवाड़ के राजपरिवार व आमजन द्वारा मनाये जाने वाले विभिन्न उत्सवों व संस्कारों का ऐतिहासिक वर्णन किया हैं।

Rajasthan Ka Sanskratik Itihas

above all डाॅ. धनन्जया अमरावत ने “राजस्थानी लोकगीतां में नारी-मन री पीड़“ ने मारवाड़ी भाषा में विभिन्न मार्मिक दृष्टान्तों के माध्यम से नारी की भावना को प्रस्तुत किया है। इसी क्रम में डाॅ. रूपनारायण असवाल, डाॅ. कुलवन्तसिंह शेखावत, डाॅ. दिनेश राठी, डाॅ. महेन्द्र पुरोहित, डाॅ. भरत देवड़ा, डाॅ. ललित कुमार पंवार, डाॅ. सुरेश कुमार, डाॅ. प्रतिभा सांखला, डाॅ. गौरव कुमार जैन, डाॅ. सन्तोश कुमार गढ़वीर, डाॅ. मुकेश हर्ष, डाॅ. मुकेश कुमार शर्मा, डाॅ. कान्ता चैधरी, डाॅ. रणजीत सिंह चैहान, डाॅ. आर.डी. सागर, डाॅ. ज्ञानचंद, जयंत कुमार जाखड़, डाॅ. विकास चैधरी, हुमा गोस्वामी, देवेन्द्र कुल्हार, धीरेन्द्र कुमार, शिव कुमार व्यास आदि ने अपने शोध आलेखों द्वारा राजस्थान के सांस्कृतिक इतिहास के परिष्कृत, वैविध्यपूर्ण व गौरवमयी स्वरूप को इतिहास, कला व संस्कृति के विद्यार्थियों, शोधार्थियों व अन्य संस्कृति प्रेमी पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया है।

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