इतिहास के झरोखे में सांसी : साहसिक तथा कलात्मक रचनाशीलता से नया संस्कार एवं आयाम देने वाले लेखक प्रो. नेमीचन्द बोयत की यह मौलिक रचना है। दलितों में निम्नतम स्तर की सांसी जाति की उत्पत्ति, उनके सामाजिक जीवन, खान-पान, वेश-भूजा, विवाह संस्कार, पूजा-त्यौहार, आर्थिक स्थिति, शिक्षा, बोली एवं अन्त्येष्टि संस्कार का विशद चित्रण इस कृति में हुआ है। दरअसल यह यथार्थ का बहुत तीखा और एक सीमा अविश्वसनीय लगने वाला दस्तावेज है।
अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों के उत्थान के लिए किए जाने वाले सरकारी एवं गैर-सरकारी प्रयास, नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार प्रतिषेध अधिनियम तथा सांसी समाज के कल्याण हेतु राजस्थान सरकार नवजीवन योजना को यथावत् प्रस्तुति इस पुस्तक को अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करती है। गहरी संवेदना मार्मिक भाषा तथा भेदक सामाजिक दृष्टि से रचित यह पुस्तक सवर्ण समाज का ध्यान सांसी समाज की दयनीय स्थिति की और आकृष्ट करेगी और उन्हें उनके उत्थान की प्रेरणा देगी।
Itihas ke Jharokhe mein Sansi
इतिहास के झरोखे में सांसी
Author : Nemichand Boyat
Language : Hindi
ISBN : 9788188756010
Edition : 2015
Publisher : RG GROUP
₹200.00
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