वर्ण समीक्षा (भाषानुवादसहिता)
पण्डित मधुसूदन ओझा ग्रन्थमाला – 1
प्रातिशाख्य ग्रन्थों को आधार बनाकर रचित इस ग्रन्थ में आर्यमातृका एवं अनार्यमातृका के स्वरूप का विवेचन करते हुए आर्यमातृका के अन्तर्गत स्वर व व्यञ्जन से व्यवस्थित ब्रह्म, अक्ष, सिद्ध एवं भूत नाम से चार मातृकाओं तथा हीन क्रम मातृका के रूप में होडामातृका के निरूपण के साथ विवृति, स्वरभक्ति, यम, अनुस्वार, हुङ्कार, रङ्ग, अन्तःस्थ एवं ऊष्म भेद से आठ प्रकार के अयोगवाहों का वैज्ञानिक विवेचन प्रस्तुत किया गया है। इसी क्रम में वाक्तत्त्व के निरूपण प्रसङ्ग में मन, प्राण एवं वाक् में प्राणतत्त्व की वास्तविक सत्ता का प्रतिपादन करते हुए मन एवं वाक् को इसी में प्रतिष्ठित बताया है। स्वरों के विविध रूपों के विवेचन प्रसङ्ग में उदात्त, अनुदात्त एवं स्वरित भेद से तीन प्रकार के प्रमुख स्वरों के साथ सङ्गीतशास्त्र के षड्ज, ऋषभ आदि सात स्वरों का समन्वय भी स्थापित किया गया है।
Varna Samiksha
वर्ण समीक्षा (भाषानुवादसहिता)
पण्डित मधुसूदन ओझा ग्रन्थमाला – 1
Author : Madhusudan Ojha, Dayananda Bhargava
Language : Sanskrit, Hindi
ISBN : N/A
Edition : 1991
Publisher : Other
₹120.00
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