आवरणवाद (टिप्पणनुवादसाहित)
आवरणवाद का सम्बन्ध प्रत्यक्ष पदार्थ से है इसका वयुनवाद, छन्दोवाद आदि संज्ञाओं से भी व्याख्यान किया गया है, जो कुछ आवृत है, सीमाबद्ध है, प्रत्यक्ष है वही आवरणवाद का आधार है।
Aawaranwad
आवरणवाद (टिप्पणनुवादसाहित)
Author : Madhusudan Ojha, Ganeshilal Suthar
Language : Sanskrit, Hindi
ISBN : N/A
Edition : 1993
Publisher : Other
₹104.00
Reviews
There are no reviews yet.