Jaisalmer Rajya ka Madhyakalin Itihas

जैसलमेर राज्य का मध्यकालीन इतिहास
Author : Harivallabh Maheshwari
Language : Hindi
Edition : 2015
Publisher : RG GROUP

350.00

जैसलमेर राज्य का मध्यकालीन इतिहास : प्रथम अध्याय: प्रारम्भिक राजवंश, भाटीवंश की उत्पत्ति, मरू, भूमि में यदुवंशी भाटियों का प्रवेश, प्रारम्भिक इतिहास-भाटी से विजय राज तक, देवराज से रावल जैसल तक, अरब व तुर्क आक्रमणकारियों से संघर्ष।
द्वितीय अध्याय: सल्तनत काल में जैसलमेर-रावल जैसल द्वारा जैसलमेर की स्थापना, रावल जैसल एवं शालीवाहन द्वारा नवीन राज्यों की स्थापना, रावल जैतसिंह, अलाउद्दीन खिलजी की सेना का आक्रमण, रावल मूलराज एवं रतनसिंह, जैसलमेर का प्रथम साका, रावल दूदा द्वारा जैसलमेर को प्राप्त करना, मोहम्मद तुगलक की सेना का आक्रमण व संघर्ष द्वितीय साका, रावल घड़सी से रावल लूणकरण तक शासनकाल।
तृतीय अध्ययन: मुगलकाल में जैसलमेर-रावल लूणकरण, हूमायूं का जैसलमेर आगमन, जैसलमेर का अर्ध साका, रावल हरराज व अकबर, मुगल मनसवदार के रूप में रावल भीम, कल्याण, मनहरदास, सवलसिंह, अमरसिंह, जसवन्तसिंह आदि मुगल साम्राज्य के पतन के समय राज्य की स्थिति, स्वतंत्र टकसाल की स्थापना व सेतु मण्डी के रूप में राज्य का विकास, रावल मूलराज का ईस्ट इण्डिया कम्पनी के साथ संधि।
चतुर्थ अध्ययन: प्रशासन का सामन्ती स्वरूप, मेहता वंश के दीवानों का जापान के शोगून वंश से तूलना, राज्य के अन्य पदाधिकारी, न्याय व्यवस्था, भू-राजस्व व्यवस्था, मुगलों की अधीनता का प्रशासन पर प्रभाव।
पंचम अध्ययन: मध्यकालीन सामाजिक व्यवस्था, वर्ण व्यवस्था, विभिन्न जातियों के नगर में रहने की व्यस्था, स्त्रियों की दशा, अकाल का प्रभाव, शिक्षा, विभिन्न प्रमुख जाति समूह अर्थ व्यवस्था के प्रमुख आधार, नखलिस्तानों की स्थापना।
छठा अध्ययन: धर्म, भाषा, साहित्य एवं संगीत, स्थापत्य कला, चित्रकला आदि।

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