भारतीय इतिहास एवं संस्कृति में युग युगीन अश्व : अश्व अथवा अश्वारोही सेना का महत्व भारतीय तथा विश्व इतिहास में अत्यधिक रहा है। वैदिक कालीन युद्धों, सिकन्दर के आक्रमणों तथा प्राचीन युद्ध सम्बंधी समितियों में अश्वारोही सेना का महत्व परिलक्षित होता है। चतुरंगिणी सेना का उल्लेख प्राचीनतम राजनैतिक, सैनिक इतिहास में मिलता है, जिसका एक महत्वपूर्ण भाग अश्व सेना होती थी। पानीपत तथा खनुवा के युद्ध में बाबर की विजय को सुनिश्चित करने में उसकी अश्वारोही सेना की भूमिका महत्वपूर्ण रही। शक्ति, विजय, राजत्व, स्वामिभक्ति के प्रतीक रूप में अश्व भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मनुष्य तथा अश्वों का संबंध मध्यपाषाण कालीन संस्कृति के काल से रहा है।
शालिहोत्र के अतिरिक्त-वेद, उपनिषद, रामायण, महाभारत, ब्राह्मण, पुराण, अर्थशास्त्र, शुक्र नीति, अमरकोष, बृहत् संहिता आदि में अश्वों के संबंध में प्रचुर सामग्री मिलती है। मध्यकालीन इतिहास के अनेक फारसी दस्तावेजों, आत्मकथाओं, मुस्लिम इतिहासकारों के वर्णन में इनका ज्ञान प्राप्त होता है। इस प्रकार भारतीय इतिहास एवं संस्कृति के विभिन्न सोपानों में अश्व का वृतान्त शास्त्रों के विभिन्न पक्षों में देखने को मिलता है। अश्व के महत्व का दिग्दर्शन प्राचीन काल से ही मानव जाति की उन्नति उसके विकास एवं समृद्धि में सहायक रहा है। प्रस्तुत पुस्तक ‘भारतीय इतिहास एवं संस्कृति में युग-युगीन अश्व’ शोधार्थियों के लिये उपयोगी सिद्ध होगी।
Bhartiya Itihas evam Sanskriti mein Yug Yugin Ashva
भारतीय इतिहास एवं संस्कृति में युग युगीन अश्व
Author : Mahendra Singh Nagar
Language : Hindi
Edition : 2018
Publisher : RG GROUP
₹400.00
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