रस मीमांसा : आचार्य रामचन्द्र शक्ल की पुस्तक ‘रसमीमांसा’ हिन्दी साहित्य की सैद्धान्तिक समीक्षा की अकेली पुस्तक है। शुक्लजी से पहले हिन्दी साहित्य के किसी समीक्षक ने सैद्धान्तिक समीक्षा पर न तो किसी ग्रन्थ की रचना की थी और न ही उनके बाद के किसी समीक्षक ने। यत्र-तत्र लिखे गए फुटकर निबन्धों के अलावा इस क्षेत्र में आज तक अन्य कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं हुआ है।
काव्य
काव्य की साधना
काव्य और सृष्टि प्रसार
काव्य और व्यवहार
मनुष्यता की उच्च भूमि
भावना या कल्पना
मनोरंजन
सौंदर्य
चमत्कारवाद
काव्य की भाषा
अलंकार
उपसंहार
काव्य के विभाग
आनंद की साधनावस्था
आनंद की सिद्धावस्था
माधुर्यपक्ष
काव्य का लक्ष्य
रीतिग्रंथों का बुरा प्रभाव
सूक्ति और काव्या
काव्य में असाधारणत्व
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Ras Mimamsa
रस मीमांसा
Author : Ramchandra Shukla
Language : Hindi
Edition : 2020
ISBN : 9788190797344
Publisher : RAJASTHANI GRANTHAGAR
₹319.00
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