योगेशवर श्री शान्ति विजय जी : श्री शान्तिविजयजी एक महान सद्गुणी और अलौकिक शक्तियों से सम्पन्न जैन साधु थे। जिनका अनुभव उनके पूर्व और पश्चिम के अनेक भक्तों ने किया है। महात्मा को उन विषयों का प्रत्यक्ष किस प्रकार हो जाता है जो साधारण लोगों को नहीं हो सकता, यह साधारण विज्ञान की पहुंच से परे है। परन्तु महात्मा के लिए तो वे अनुभव की हुई घटनाएं और विषय हैं। डॉ. कोठारी इस दर्शन को अलौकिक प्रत्यक्षानुभववाद कहते हैं। इस प्रकार का अनुभव केवल उन्हीं आत्माओं के लिए सम्भव है, जो तर्क और मनस के क्षेत्रों से ऊपर उठ गये हो। डॉ. कोठारी ने अपने अलौकिक प्रत्यक्षानुभववाद को मतों और सम्प्रदायों से दूर रख कर एक योग्य प्रयास किया है। यह केवल धार्मिक प्रकृति के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि विद्वत समाज के उन लोगों के लिए भी एक शक्तिशाली आकर्षण बन सकेगा जो आध्यात्मिक अनुभव के बारे में कई तरह के बौद्धिक और वैज्ञानिक प्रश्न उठाते हैं। मुझे विश्वास है कि इस पुस्तक के पढ़ने का लाभ धर्म और आध्यात्मिक जीवन में रुचि रखने वाले विश्वविद्यालय स्तर के दार्शनिक और सामान्य पाठक दोनों को होगा।
Yogeshwar Shri Shanti Vijay Ji
योगेशवर श्री शान्ति विजय जी
Author : M.M. Kothari
Language : Hindi
Edition : 2015
ISBN : 9788186103031
Publisher : RAJASTHANI GRANTHAGAR
₹240.00
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