राजर्षि संत पीपाजी : प्रस्तुत पुस्तक स्वामी रामानंद के प्रधान द्वादश शिष्यों से एक गागरोन (झालावाड़) के राजर्षि संत पीपा जी पर है। संत पीपा जी भारतीय भक्ति आन्दोलन की ऐसी विभूति है, जिनका व्यक्तित्व अत्यन्त प्रेरक एवं सराहनीय रहा है। उन्होंने राजा होते हुए अपना समूचा राज्य एवं ऐश्वर्य त्याग कर भक्ति साधना का मार्ग चुना और समस्त पश्चिमी भारत में शक्ति एव समाज सुधार की अलाव जगाकर जन-जन का उद्धार करने में विलक्षण योगदान दिया। उनकी शक्ति भावना और कृतित्व मानव जीवन में आज भी प्रेरणादायी हैं। उन्हें राजस्थान का कबीर कहा जाता है। उनके चिन्तन के विविध आयाम ‘यत्पिंडेतत्ब्रह्माणडे’ के विराट सूत्र को मूर्त रूप प्रदान करते हैं। उन्होंने धर्म के साथ कर्म तथा राजा के साथ रंक को एक करके देश में समन्वयता, सहिष्णुता तथा एकाग्रता को जिस रूप में सफलता प्रदान की वह अपने आप में अद्वितीय है। प्रस्तुत पुस्तक उन्हीं के व्यक्तित्व, जीवन दर्शन तथा विभिन्न चिंतन पहलुओं पर केन्दित है, जिसमें अत्यन्त दुलर्भ और अलभ्य सामग्री का प्रथम बार उपयोग किया गया है।
Rajarshi Sant Pipaji
राजर्षि संत पीपाजी
Author : Lalit Sharma
Language : Hindi
Edition : 2015
Publisher : RG GROUP
₹200.00
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