रंगभीने राजस्थान की रंगीली कहानियाँ
रानी लक्ष्मीकुमारी चूण्डावत की कहानियों में राजस्थान की सांस्कृतिक छवि प्रतिबिम्बित होती है। इन कहानियों में शौर्य, बलिदान, आदर्श, करुणा, प्रेम, परोपकार, श्रृंगार, परम्पराएँ, रीति-रिवाज आदि भरपूर समावेश हुआ है। Rangbhine Rajasthan Rangili Kahaniya
गढ़-कोटों तथा घास-फूस की झोपड़ियों तक के सजीव शब्द चित्र तथा समाज के प्रत्येक वर्ग के लोगों की मौज-मस्ती, सुख – दुःख तथा प्रत्येक रंग के चित्रण से यह कहानियाँ गम्भीर अध्येताओं और सामान्य पाठकों को समान रुचिकर लगती है। किसी घेरे में बंधी हुई न होने के कारण रानीजी ने शौर्य- बलिदान तथा समाजवादी प्रकृति की कहानियों को सहजता से लिखा है।
हिन्दी जगत के पाठकों के लिए रानी लक्ष्मी कुमारी चूण्डावत की श्रेष्ठ कहानियाँ निश्चय ही रुचिकर और सहेज कर रखने योग्य सिद्ध होगी। Rangbhine Rajasthan Rangili Kahaniya
रानी लक्ष्मीकुमारी चूण्डावत की अन्य पुस्तकें :
- माँझल रात (Manjhal Raat)
- मूमल (Moomal)
- अमोलक बातां (Amolak Bata)
- कै रे चकवा बात (Kai Re Chakwa Baat)
- गिर ऊंचा ऊंचा गढ़ा (Gir Uncha Uncha Gadga)
- राजस्थानी लोक गाथा (Rajasthani Lok Gatha)
- राजस्थानी दोहा संग्रह (Rajasthani Doha Sangrah)
- राजस्थान के प्रसिद्ध दोहे सोरठे (Rajasthan Ke Prasiddha Dohe Sorathe)
- राजस्थान की प्रेम कथाएँ (Rajasthan Ki Prem Kathaye)
- रंगभीने राजस्थान की रंगीली कहानियाँ (Rangbhine Rajasthan Ki Rangili Kahaniya)
- रानी लक्ष्मीकुमारी चूण्डावत की श्रेष्ठ कहानियाँ (Rani Laxmi Kumari Chundawat Ki Shreshth Kahaniya)
- सांस्कृतिक राजस्थान (Sanskratik Rajasthan)
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