राजस्थान के संत और उनका साहित्य : ‘राजस्थान के सन्त और उनका साहित्य’ में दो निबन्ध हैं। पहले का शीर्षक ही पुस्तक का नाम है जबकि दूसरे का शीर्षक है ‘राजस्थान का सगुण भक्ति साहित्य’ जिसके लेखक है, मीरायन त्रैमासिक पत्रिका के सम्पादक प्रो. सत्यनारायण समदानी। प्रथम लेख जो कुल 128 पृष्ठों की पुस्तक में 88 पृष्ठों में विस्तारित है, के लेखक ‘रामस्नेही-संदेश’ त्रैमासिक पत्र के सम्पादक श्री ब्रजेन्द्र कुमार सिंहल है जो सन्त साहितय रूपी निधियों को सुसम्पादित रूप में पर्याप्त शोधके साथ उपस्थित करते हैं। उनके इस लेख में भी उनकी अन्यान्य पुस्तकों की भांति गहन सुझबुझ, श्रमसाध्य, कर्मठता शोधपरक दृष्टि परिलक्षित होती है। उन्होंने प्रारम्भ में संत लक्षण और संत महिमा पर प्रकाश डाला है, संत साहित्य पर ईसाई प्रभाव का निराकरण किया है, संत और भक्ति का अभेद बताया है तथा संतवाणी का स्वरूप दक्षतापूर्वक स्पष्ट किया है। संत साहित्य को समझने के लिये ये सभी विषय ध्यातव्य हैं। राजस्थान में उद्भुत दादूसम्प्रदाय के 37 संतों, जांभोजी के सम्प्रदाय के 16 निरंजनी सम्प्रदाय के 15 रैण रामस्नेही सम्प्रदाय के 21, शाहपुरा रामस्नेही सम्प्रदाय के 65 एवं सींथल-खेड़ाउ रामस्नेही-सम्प्रदाय के 41 संतों के जीवन परिचय व साहित्य का सोदाहरण विवरण दिया है। दूसरे आलेख में प्रो. समदानी ने रामभक्तिधारा के 17 व कृष्ण भक्तिधारा के 23 प्रमुख भक्तों का विवरण दिया है। पुस्तक राजस्थान के संत-भक्तों के सम्बन्ध में परमोपयोगी सिद्ध होगी।
Rajasthan Ke Sant Aur Unka Sahitya
राजस्थान के संत और उनका साहित्य
Author : Brajendra Kumar Singhal
Language : Hindi
Edition : 2018
ISBN : 9788186103079
Publisher : RAJASTHANI GRANTHAGAR
₹219.00
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