राजस्थान के स्वतंत्रता आन्दोलन में पुष्करणा समाज का योगदान : राजस्थान के इतिहास में श्रृंगारए कला शौर्य और साहित्य का विलक्षण संगम दृष्टिगत होता है। यहाँ के वीर शासकों ने सदा ही अपनी मातृभूमि रक्षा के लिए सतत् प्रयास किए है। 20वीं शताब्दी के पश्चिमी राजस्थान को भारतीय राष्ट्रवाद के उदत्त आदर्श 19वीं शताब्दी से विरासत में प्राप्त हुए है। 1857 के विप्लव में आउवा के ठाकुर खुशालसिंह की भूमिका अविस्मरणीय है। इसके पश्चात ही पश्चिमी राजस्थान में सामाजिक एवं राजनीतिक चेतना का उदयए विकास और उत्कर्ष हुआ। यहीं पर ब्रिटिश सरकार की दमन नीति जोरों पर थी। फिर भी इन प्रतिकूल परिस्थितियों में पश्चिमी राजस्थान के राजनीतिक जनजागरण में प्रारम्भिक राजनीतिक सस्थाओं एव उनके नेताओं में साहसी मार्गदर्शक की भूमिका निभा कर स्वतन्त्रता आन्दोलन का शिलान्यास किया। प्रस्तुत पुस्तक में पश्चिमी राजस्थान में उत्तरदायी शासन की मांग हेतु किए गए प्रयासों में एक वर्ग विशेष.पुष्करणा समाज के योगदान पर प्रकाश डाला गया है। पुष्करणा समाज के लोकनायक शेरे राजस्थान श्री जयनारायण व्यासजी के नेतृत्व में जिन स्वाजातीय पुरुषों एव महिलाओं ने अपनी अविस्मरणीय भूमिका निभाई हैए उनके व्यक्तित्व एल कृतित्व का विवरण प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
Rajasthan Ke Swatantrata Aandolan Mein Pushkarna Samaj Ka Yogdaan
राजस्थान के स्वतंत्रता आन्दोलन में पुष्करणा समाज का योगदान
Author : Jyotsana Vyas
Language : Hindi
Edition : 2015
ISBN : 9788186103062
Publisher : RAJASTHANI GRANTHAGAR
₹239.00
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