राजस्थान के सूरमा : वीर भूमि मातृभूमि की रक्षार्थ राजस्थान के महान शूरमाओं ने कितने कष्ट झेलकर, संघर्ष करके अपना सर्वस्व न्यौछावर कर प्राणोत्सर्ग किया था। भारत भू में वीरभूमि राजस्थान को हमने मात्र रेत या कंकड़-पत्थर नहीं मानकर इसे साक्षात माँ भगवती व देवी का रूप माना है। एक कवि के शब्दों में – इस धरती के कण-कण में है चित्र खिंची कुर्बानी का, एक-एक कण छन्द बोलता, चढ़ी शहीद जवानी का। इसके कण है नहीं किन्हीं ज्वालामुखियों के शोले हैं, किया किसी ने दावा गर तो उन पर दागे तोप के गोले हैं। इन्हें चाटने बढ़ा जो दानव धूल धरा की चाटी है। खून दिया है मगर नहीं दी, कभी देश की माटी है। इसी आशा एवं आत्मविश्वास के कारण ही हमारा प्यारा राजस्थान अपनी आन-बान और शन को हर युग में व हर परिस्थिति में अपना अस्तित्व रखने में सफल रहा है।
Rajasthan ke Soorma
राजस्थान के सूरमा
Author : Tej Singh Tarun
Language : Hindi
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