नागौर की महान विभूतियां : राजनैतिक दृष्टि से भले ही प्राचीन काल से लेकर वर्तमान काल तक राजस्थान के इस नागौर जिले ने अस्थिरता सही हो, परन्तु सांस्कृतिक दृष्टि से यह जिला हमेशा समृद्ध रहा है। नागौर जिले में मुस्लिम संस्कृति के आने के पूर्व यहां प्रतिहार व चौहान काल के गोठ-मांगलोद का दधिमति माताजी का मंदिर, केकीन्द व थांवला के शिव मन्दिर, भंवाल माताजी का मन्दिर, किणसरिया का कैवाय माता का मन्दिर तथा जैन धर्म के अन्तर्गत फलौदी (मेड़ता रोड़) व जसनगर के पार्श्वनाथ के जैन मन्दिर स्थापत्य एवं मूर्तिकला के अक्षय भण्डार रहे हैं। मुस्लिम धर्म में चिश्ती सम्प्रदाय के महान् सूफी संत शेख हमीमुद्दीन नागौरी, विश्नोई सम्प्रदाय के जनक संत जाम्भोजी तथा रेण रामस्नेही सम्प्रदाय के प्रवर्तक संत दरियावजी की भूमि भी नागौर ही रही है। भक्त शिरोमणी मीरांबाई, रानाबाई, करमांबाई व निर्गुण साधिका संत फूलीबाई की कर्मस्थली भी नागौर की भूमि ही रही है। शूरवीरता व साहस के धनी अमरसिंह राठौड़, अकबर के नौ रत्नों से राजकवि फैजी व प्रसिद्ध इतिहासकार अबुल फजल के पिता प्रसिद्ध विद्वान शेख मुबारक भी नागौर के ही थे। लोकदेवता वीर तेजाजी तथा शिक्षाप्रेमी व किसानों के उद्वारक चौधरी मूलचन्दजी व बलदेवरामजी मिर्धा भी यहीं के थे। कहने का तात्पर्य यह कि नागौर जिले में अनेक ऐसी महान विभूतियां हुई हैं जिन्होंने विभिन्न तरीकों से यहां के लोगों के जीवन को सुखमय, नैतिकतापूर्ण व उन्नतिशील बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है, उन सबका इस ग्रंथ में वर्णन किया गया है।
Nagaur Ki Mahan Vibhutiyan
नागौर की महान विभूतियां
Author : Pro. Pemaram
Language : Hindi
Edition : 2016
ISBN : 9789385593451
Publisher : Rajasthani Granthagar
₹239.00
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