भारतीय संस्कृति : सहस्त्राब्दियों से भारत भूमि की परम्पराओं, विश्वासों, आस्थाओं तथा विचारधाराओं और सुनियोजित संस्थाओं की एकत्र पूंजीभूत भारतीय संस्कृति में भारतीय मानस का समग्र स्वरूप सहज ही प्रतिबिम्बित होता है। समय के अजस्त्र तथा परिवर्तनशील प्रवाह में भी निरन्तर जीवन्त भारतीय संस्कृति की स्फूर्त प्राणवत्ता ने आधुनिक विचारकों को आश्चर्यचकित और मुग्ध कर रखा है। यही कारण है कि सम्पूर्ण बीसवीं शती में अनेकानेक सुधी विद्वानों ने भारतीय संस्कृति को अपनी लेखनी का विषय बनाया। उन शाताधिक रचनाओं के मध्य प्रस्तुत पुस्तक का कुछ निजी वैशिष्टय है :-
- अत्यन्त व्यापक विषय का संक्षिप्त किन्तु अनिवार्य बिन्दुओं सहित प्रस्तुतीकरण।
- यथासम्भव इतिहा के क्रम में विष्ज्ञय का विवेचन।
- कथित तथ्यों तथा निष्कर्षों के प्रमाण रूप में मूल ग्रंथों से उद्धण।
- विस्तृत एवं प्रामाणिक पाद टिपण्णी।
- संस्कृत वांग्य तथा भारतीय दर्शन पर सारगर्भित तथा परिचायक अध्याय।
- भारतीय कला सम्बन्धी अध्याय में स्पष्टीकरण हेतु विभिन्न सम्बद्ध चित्र।
- भारतीय के विभिन्न विश्वविद्यालयों, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा विभिन्न अखिल भारतीय एवं प्रादेशिक राजकीय सेवाओं की परीक्षाओं के सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का समावेश।
- संस्कृत, दर्शन, समाजशास्त्र, धर्म, इतिहास एवं विविध आदि विवषयों के छात्रों के लिए विशेषत: उपादेय।
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