राजस्थानी सबद कोस (राजस्थानी हिन्दी वृहत कोश) 11 खंडो में : श्री सीताराम लाल़स ने पैंतालीस वर्ष के असाध्य परिश्रम से राजस्थानी के प्राचीन हस्तलिखित ग्रन्थों, प्रकाशित पुस्तकों, लोक-साहित्य, लोकगीत, बोलचाल की भाषा एवं आधुनिक राजस्थानी के साहित्यिक प्रकाशनों से विपुल शब्दों का संकलन किया है। इस कोश में कृषि एवं अन्य पेशों, ज्योतिष, वैद्यक, धर्म, दर्शन, शकुन-शास्त्र, गणित, खगोल, भूगोल, भूतत्व, प्राणी-शास्त्र, शालिहोत्र, पशु-चिकित्सा, संगीत, साहित्य, भवन, चित्र एवं मूर्तिकला आदि से सम्बन्धित शब्द समाहित किये गये हैं। राजस्थान की विभिन्न बोलियों के शब्द भी इस कोश में हैं, यथा मेवाड़ी, हाड़ौती, मारवाड़ी, शेखावाटी, मेवाती, ढूंढाड़ी, मालवी, बागड़ी आदि। शब्द की सम्पूर्ण आत्मा को समझने के लिए प्रत्येक शब्द को इस प्रकार व्यवस्थित किया है: राजस्थानी शब्द, उसका व्याकरण स्वरूप, तत्सम् प्रतिशब्द और जहां-जहां सम्भव हुआ वहां शब्द का धातु रूप, महत्त्वपूर्ण शब्दों के क्रिया प्रयोग, शब्दों पर आधारित मुहावरे एवं कहावतें, शब्दों के रूपभेद, यौगिक शब्द, अल्पार्थ, महत्ववाची, विलोम शब्द, क्रिया रूप आदि कुछ मुख्य बातें हैं। लगभग पन्द्रह हजार मुहावरों-कहावतों का अर्थ सहित प्रयोग किया गया है। हजारों दोहों एवं पद्यांशों का प्रयोग उदाहरणों में किया गया है। राजस्थान के प्रसिद्ध ऐतिहासिक व्यक्तियों, स्थानों, धार्मिक सम्प्रदायों एवं उनके उन्नायकों, उत्सवों एवं त्यौहारों, जातियों एवं उनके रीति-रिवाजों पर यथा स्थान प्रामाणिक टिप्पणियां दी गई हैं। कोश के शब्दों में विभिन्न अर्थ, मुहावरे आदि जिस विपुलता से दिये गये हैं उन्हें देखकर राजस्थानी साहित्य की समृद्धि का सहज ही अनुमान हो सकता है। वस्तुतः यह कोश केवल शब्द एवं अर्थ का ही प्रयास नहीं है अपितु इसे सम्पूर्ण राजस्थानी जीवन का विश्वकोश कहा जा सकता है।
Rajasthani Sabad Kosh (Rajasthani Hindi Vrihat Kosh) In 11 Vols.
राजस्थानी सबद कोस (राजस्थानी हिन्दी वृहत कोश) 11 खंडो में
Author : Padmashri Sitaram Lalas
Language : Hindi
Edition : 2013
ISBN : 9789384406516
Publisher : Rajasthani Granthagar
₹2,899.00
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