प्रकाशित पुस्तक राजस्थान में प्रतिनिधि संस्थाओं का इतिहास (मेवाड़ के सन्दर्भ में) में मेवाड़ में प्रतिनिधि संस्थाओं के इतिहास पर प्रकाश डाला गया है। इन प्रतिनिधि संस्थाओं (कार्यपालिका, न्यायपालिका, व्यवस्थापिका) के राजनीतिक पक्ष पर तो कुछ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है लेकिन इन संस्थाओं का ऐतिहासिक पक्ष अप्रकाशित रहा है। इस पुस्तक में इस कमी को दूर करने का एक छोटा सा प्रयास किया गया है। पुस्तक में मेवाड़ के गौरवशाली सिसोदिया राजवंश के महाराणाओं का गोरवपूर्ण इतिहास दिया गया है। महाराणाओं द्वारा समय-समय पर किये जाने वाले प्रशासनिक सुधारों व लोक-कल्याणकारी सामाजिक सुधारों का विस्तृत वर्णन किया गया है। अंग्रेजों के भारत में आने के बाद मेवाड़ की जनता को विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ा था, जिनके कारण यहाँ कई किसान आंदोजन हुए, उत्तरदायी सरकार की स्थापना के लिए प्रजामण्डल आंदोलन चला। प्रजामण्डल के नेताओं के संघर्षपूर्ण प्रयासों के परिणाम-स्वरूप इन प्रतिनिधि संस्थाओं की स्थापना का रास्ता निकला। इस संघर्ष में कई तरह के सामाजिक-राजनीतिक संगठनों का योगदान रहा। इन सभी का विस्तृत वर्णन इस पुस्तक में किया गया है। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इस पुस्तक में इन संस्थाओं के विकास का इतिहास पहली बार चरण-बद्ध रूप से लिखा गया है। मेरा यह प्रयास रहा है कि इस पुस्तक के माध्यम से पाठकों को ज्ञानवर्धक एवं मौलिक पाठ्यसामग्री प्राप्त हो सके।
Rajasthan mein Pratinidhi Sansthaon ka Itihas (Mewar ke Sandarbh mein)
राजस्थान में प्रतिनिधि संस्थाओं का इतिहास (मेवाड़ के सन्दर्भ में)
Author: Santosh Kumari Aaseri
Language: Hindi
ISBN : 9788186103037
Edition: 2015
Publisher: RG GROUP
₹279.00
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