राजस्थान के परम्परागत जल संसाधन : आज सम्पूर्ण विश्व जल संकट से गुजर रहा है और हम अपने परम्परागत जलस्रोतों की लगातार उपेक्षा कर रहे है। प्रस्तुत अध्ययन का ध्येय यही है कि इस जल संकट का हल हमारे परम्परागत जलस्रोतों द्वारा खोजा जा सकता है। हमारे पूर्वज जल संरक्षण और उसके उचित एवं स्वच्छ प्रबंधन के लिए अत्यन्त जागरूक थे। हमें उसी परम्परा को शीघ्र ही अपनाना होगा। प्रस्तुत ग्रंथ में जोधपुर शहर एवं आस-पास में स्थित जलस्रोतों के इतिहास से सम्बंधित नवीनतम तथा मौलिक तथ्यों के संकलन का प्रयास किया गया है। इनके इतिहास को उजागर करके ही हम वर्तमान पीढ़ी को इनके प्रति सजग कर सकते हैं। इस विषय पर कतिपय पुस्तकें प्रकाश में आई है परंतु यह पुस्तक उनकी रिक्त कड़ियों की पूर्ति करती है। अतः प्रस्तुत ग्रंथ को छः अध्यायों में विभाजित कर, प्रत्येक जल स्रोत के इतिहास, स्थापत्य, निर्माण प्रक्रिया और वर्तमान स्थिति का विस्तार से वर्णन किया गया है। आलोच्यकाल (सन् 1450 से 1850 ई.) से सम्बंधित जलस्रोतों का गहन सर्वेक्षण एवं पाण्डुलिपियों से बिखरे सूत्रों को एकत्र करके मौलिक और अपूर्व निष्कर्ष उजागर हुए है। इस शोध कार्य हेतु डाॅ. जितेन्द्र सिंह भाटी बधाई के पात्र है।
Rajasthan ke Paramparagat Jal Sansadhan
राजस्थान के परम्परागत जल संसाधन
Author : Dr. Jitendra Singh Bhati
Language : Hindi
ISBN : 9789390179022
Edition : 2020
Publisher : RG Group
₹359.00
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