मेवाड़ के पुरातात्विक स्मारक : पुरातात्त्विक स्मारक मानव की रुचि के परिचायक है। यों तो मानव आदि काल से निर्माण-कार्य में संलग्न रहा है। किंतु प्रारंभ में सीमित साधनों के कारण उसमें सुदृढ़ता, सुंदरता एवं स्थायित्व नहीं आ सका। समय के साथ उसकी निर्माण सामग्री में अभिवृद्धि होने से निर्माण में स्थायित्व एवं सुंदरता का सम्मिश्रण होने लगा। निःसंदेह मानव प्रयास के इतिहास में स्मारकों का बेजोड़ स्थान सुरक्षित है। स्थापत्य स्मारक एक ऐसी श्रृंखला है जो सदियों की बिखरी हुई कड़ियों को जोड़ कर देश, प्रदेश, नगर, गांव, समाज, जाति का सही मूल्यांकन प्रस्तुत करता है। लिखित ऐतिहासिक साधनों के अभाव में पुरातात्त्विक स्मारक अवशेष ही अज्ञात काल के साक्षी हैं, जो भूले बिसरे काल की कथा कहने में सहायक सिद्ध होते हैं। ये मूक अवश्य हैं किंतु ‘मौन’ रहते हुए काफी कुछ कह रहे हैं जिसे समझने की आवश्यकता है। स्मारकों का अध्ययन इसलिए भी आवश्यक हो जाता है कि इनमें देश-काल एवं परिस्थितियों के गूढ़ रहस्य छिपे होते हैं, उन्हें उजागर कर क्षेत्र की आत्मा, चेतना प्रगति का समूचा विवरण, धार्मिक चिंतन, समाज एवं लोक कल्याण की भावना आत्म सुख, जन जीवन के विशेष उद्देश्यों को सहज ही समझा जा सकता है। मेवाड़ में राजकीय एवं व्यक्तिगत प्रयासों के कारण स्मारकों के विकसित व समृद्ध अवशेष पर्याप्त प्राप्त होते हैं जो राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, स्थापत्य, जल-स्थापत्य, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण आदि का बखान कर रहे हैं उन्हें प्रस्तुत ग्रंथ में समाविष्ट किया गया है।
Mewar ke Puratatvik Smarak
मेवाड़ के पुरातात्विक स्मारक
Author : J.K. Ojha
Language : Hindi
ISBN : 9789387297593
Edition : 2019
Publisher : RG GROUP
₹359.00
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