मध्यकालीन भारत का इतिहास (1200 ई. से 1760 ई. तक) : भारत का मध्यकाल विदेशी आक्रांताओं द्वारा किये गये रक्तपात, हिंसा और लूटमार से भरा हुआ है किंतु यही वह समय है जिसमें प्राचीन शासन व्यवस्थायें समाप्त होकर नवीन शासन व्यवस्थाएं आरम्भ हो रही थीं। इन बड़े परिवर्तनों ने भारत के सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृति जनजीवन को पूरी तरह बदल कर रख दिया। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे इतिहास के क्षेत्र में नित्य नई शोध सामने आ रही हैं। अब इतिहास कुछ घिसी पिटी सूचनाओं का संग्रह नहीं रह गया है, प्राप्त तथ्यों को तार्किकता के साथ अपनाया जा रहा है तथा उन्हें वैज्ञानिक अनुसंधानों की कसौटी पर भी कसा जा रहा है। विगत दशकों में सामने आई नई जानकारियों को इस पुस्तक में समाविष्ट करके इस पुस्तक को रोचक, पठनीय एवं सग्रंहणीय बनाया गया है। प्रस्तुत पुस्तक को भारत के विश्वविद्यालयों में स्नातक उपाधि की परीक्षाओं के लिये स्वीकृत पाठ्यक्रम के अनुसार लिखा गया है तथा 1200 ईस्वी से लेकर 1760 ईस्वी तक का इतिहास दिया गया है। इस पुस्तक की भाषा को स्नातक उपाधि स्तर के विद्यार्थियों की मांग के अनुरुप सरल रखा गया है। छोटे-छोटे वाक्य लिखे गये हैं ताकि सूचनाओं को मस्तिष्क में अच्छी तरह संजोया जा सके। ऐतिहासिक तथ्यों को क्रमबद्ध लिखा गया है तथा असंगत एवं विरोधाभासी तथ्यों से बचने का प्रयास किया गया है। डाॅ. मोहनलाल गुप्ता ने इतिहास के विद्यार्थियों को पहले भी अच्छी पुस्तकें दी हैं, मुझे आशा है कि यह पुस्तक स्नातक स्तर के विद्यार्थियों के लिये अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।
Madhyakalin Bharat ka Itihas (1200 E. se 1760 E. tak)
मध्यकालीन भारत का इतिहास (1200 ई. से 1760 ई. तक)
Author : Dr. Mohanlal Gupta
Language : Hindi
ISBN : 9788186103033
Edition : 2018
Publisher : RG GROUP
₹695.00
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