खण्डेला का वृहद् इतिहास एवं शेखावतों की वंशावली : प्रस्तुत पुस्तक में राजा रायसल के उत्तराधिकारी पुत्र राजा गिरधरदास व उनके वंशज ठिकाना खण्डेला के दोनों पानाओं के भीषण संघर्षरत व उथल-पुथल से गुजरकर अपना अस्तित्व बनाये रखने तथा उसमें रायसलोतों के दूसरे संस्थानों के सहयोग ज्वलंत इतिहास है। खण्डेला व भायप के गांवों का आज तक का इतिवृत्त व उनकी वंशावलियाँ सम्मिलित हैं। परिशिष्ट में खण्डेला से फटे गिरधरदासोत ठिकाना दांता व सूंड़ तथा उनके भायप के गांवों का इतिहास व वंशावलियाँ हैं। जिनमें राजा गिरधरदास खण्डेला, राजा द्वारकादास, राजा वरसिंह देव, राजा बहादुरसिंह, राजा केसरीसिंह, राजा उदयसिंह, कुँवर सवाईसिंह-उदयसिंहोत, राजा वृन्दावनदास, कुं. गोविन्दसिंह वृन्दावनदासोत, राजा नृसिंहदास, राजा अभयसिंह-नरसिंहदासोत, राजा कृष्णसिंह, राजा फतहसिंह, राजा हमीरसिंह, राजा प्रतापसिंह, राजा रामसिंह, राजा धीरजसिंह फतहसिंहोत, राज गजसिंह धीरजसिंहोत, राजा इन्द्रसिंह गजसिंहोत, राजा प्रतापसिंह प्रतापसिंहोत, राजा अक्षयसिंह लिछमणसिंहोत, राजा जसवन्तसिंह अखैसिंहोत, राजा पदमसिंह जसवन्तसिंहोत, राजा सज्जनसिंह जसवन्तसिंहोत, राजा संग्रामसिंह व राजा नारायणसिंह, गिरधरवंश प्रकाश, वंशावलियाँ, आमेर के कच्छवाहों के गौत्र, ठिकाना दाँता व खूड, वंशावलियाँ आदि सम्मिलित है।
Khandela ka Vrihad Itihas evam Shekhawaton ki Vanshavali
खण्डेला का वृहद् इतिहास एवं शेखावतों की वंशावली
Author : Surjansingh Shekhawat
Language : Hindi
Edition : 2018
Publisher : RG GROUP
₹559.00
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