जाटों की गौरव गाथा
जाटों का गौरवमय व गरिमामण्डित इतिहास रहा है, परन्तु उसे लेखनीबद्ध नहीं करने के कारण हमें उनके बारे में न्यूनतम जानकारी ही है। यह सत्य है कि जिस कौम का इतिहास नहीं होता, वह कौम मृतप्रायः है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने जाट कौम के उन महापुरूषों, भक्तों, शिक्षाविदों, राजनीतिज्ञों, समाज सेवकों को इस पुस्तक में स्थान दिया है, जिन्होने अपने क्षेत्र में कौम व समाज की महान् सेवा की है। Jaaton ki Gaurav Gatha
इससे जहां इतिहासकार के रूप में ठाकुर देशराज को स्थान दिया गया है, वहां दानदाता के रूप में प्रोफेसर घासीराम, शिक्षाविद् के रूप में स्वामी केशवानन्द, राजनीतिज्ञ के रूप में चौधरी कुम्भाराम आर्य, भक्तों में महान भक्त धन्ना व रानाबाई व लोकदेवता के रूप में वीर तेजाजी का वर्णन किया गया है। इस पुस्तक से जहां जाट कौम के लोगों को अपने पूर्वजों के कृत्यों पर गौरव करने का मौका मिलेगा, वहीं समाजसेवा के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने वाले समाजसेवकों को भी प्रेरणा मिलेगी।
Rajasthan Ke Jaaton Ka Itihas & Jaaton Ki Gaurav Gatha, History of Jats of Rajasthan, The glory of Jats, Pride Saga of Jaats
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