भारतीय संगीत के पुरातात्विक संदर्भ : वैदिक संहिताओं, पौराणिक-तांत्रिक व बौद्ध-जैनाचार्यों की परंपराओं, राज्याश्रय, मंदिर तथा मठ एवं संगीताचार्यों के मत-मतान्तर से बने विभिन्न सम्प्रदायों के माध्यम से संगीत के शास्त्र और प्रायोगिक पक्ष के क्रमिक विकास के इतिहास को जानने के लिये भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली की सीनीयर फैलोशिप के अन्तर्गत अभिलेखीय एवं साहित्य-संदर्भों की अन्वेषणा के फलस्वरूप उपलब्ध हुए महत्वपूर्ण संदर्भों की इस पुस्तक में प्रस्तुत की गयी चर्चा भारतीय संगीत का बृहत् इतिहास लिखने के लिये भूमिका सिद्ध होगी। शास्त्र ग्रंथों की रचना, सम्प्रदायों का आविष्कार, श्रुति-मूर्छना-गमक एवं रागों के बदलते स्वरूप, सप्तक की स्थापना, प्रबंध और आलापी, जनाश्रयी लोककलाओं, व्यावसायिक और अव्यावसायिक साधना आदि विभिन्न आयामों के अध्ययन के लिये यह चर्चा आधारशिला होगी। वर्तमान हिन्दुस्तानी संगीत, किसी विदेशी परंपरा का मुखापेक्षी न होकर अपनी ही पूर्व-परंपरा का अधुनातन विकसित रूप है, यह जानने के लिये प्रयास उपयोगी होगा।
Bhartiya Sangeet Ke Puratattvik Sandarbh
भारतीय संगीत के पुरातात्विक संदर्भ
Author : Dr. D.B. Ksheersagar
Language : Hindi
ISBN : 9788195138166
Edition : 2021
Publisher : RG Group
₹239.00
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