भारतीय राजनीति में आचार संहिता : प्रस्तुत पुस्तक में भारतीय राजनीति में शुचिता, सदाशयता और आचार संहिता के विविध मुद्दों की गहन पड़ताल की गई है। आचार संहिता की आवश्यकता, विदुरनीति एवं आचार संहिता, चाणक्यनीति एवं आचार संहिता मूल्यों की राजनीति, नैतिकता और राजनीति, संवैधानिक मूल्य सामाजिक सरोकार एवं नैतिकता चुनाव और आचार संहिता सदनों की प्रतिष्ठान के प्रश्न, गठबंधन में नीतिमुद्दा, ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था में आचार संहिता का सवाल, नेता, नेतृत्व एवं नैतिकता आदि विषय की पड़ताल की गई है।
24 मई 1990 को तत्कालीन राज्यसभा के सभापतित्व करते हुए डॉ. शंकरदयाल शर्मा ने कहा कि जब तक मैं इस कुर्सी पर हूँ, लोकतंत्र की हत्या नहीं होने दूंगा। आप जो कुछ कर रहे हैं, वह देशद्रोह के अलावा कुछ नहीं है। जो लोग लोकतंत्र को नहीं बचा सकते हैं, वे देश को नहीं बचा सकते। कृपया देश के बारे में सोचिए, भविष्य के बारे में सोचिए। मैं और आप तो कुछ दिनों के लिए हैं लेकिन देश में लोकतंत्र हमेशा रहने वाला है तथा देश आपकी गुण्डागर्द को कभी माफ नहीं करेगा। आप मेरा गला घोंट दीजिए, गोली मार दीजिए, लेकिन लोकतंत्र को बचा लीजिए। लोकतंत्र की लाज बचाने की महत्ती आवश्यकता है और यह कार्य स्वानुशासन और नैतिकता के माध्यम से ही हो सकता है।
Bhartiya Rajniti Mein Aachar Sanhita
भारतीय राजनीति में आचार संहिता
Author : Ummed Singh Inda
Language : Hindi
Edition : 2015
ISBN : 978-81861033717
Publisher : RAJASTHANI GRANTHAGAR
₹239.00
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