घूंघट (पाँच नाटक) : नाटकों की यह पुस्तक अपने आप में कई मुद्दों को सामने लाती हैं और उनके समाधान भी प्रस्तुत करती हैं। घूंघट, अछूत, दहेज-प्रथा, नारी की हुंकार और मंजिल की खोज, इन नाटकों के नामकरण से ही इनके अन्तर्गत प्रकट की गई सामाजिक समस्याओं का अन्दाजा लगाया जा सकता है। अत्यन्त सरल, सटीक शब्दोें के वार्तालाप से समाज की कुरीतियां प्रचलित अंधविश्वासों और नारी के सामाजिक, देहिक, मानसिक, शोषण को इन नाटकों में प्रकट किया गया है। इन छोटे-छोटे विषयों को सामने रखा हैं। इन समस्याओं को मनोवैज्ञानिक धरातल पर उतारते हुए मानवीय दुर्बलताओं को प्रकट किया है। नाटकों में सभी पात्रों के द्वारा शोषित होती आई नारी के उत्थान या चेतना की कहानी कही गई है। सभी नाटकों के केन्द्र में नारी है। यह प्रमुख विशेषता है। ये नारी पात्र समस्याओं के आगे घुटने नहीं टेकते बल्कि मजबूती से मुकाबला करते हैं और एक नई ताज़गी के साथ जीवन जीने का जज़्बा लिये सारी समस्या को एक नये अन्दाज में परिवर्तित कर देते है। इस प्रकार नाटक का सुखान्त हो जाता है, जो मानवीय जिजीविषा को प्रकट करता है। इन नाटकों की भाषा सहज, सरल होने से स्कूलों या नवजागरण के लिये गांव व अन्य साधारणजन के सामने आसानी से प्रस्तुत किये जा सकते है। समाज की गम्भीर समस्याआंे को उद्घाटित करते हुए सामाधान ढूंढने का सार्थक प्रयास है यह पुस्तक।
Ghunghat
घूंघट (पाँच नाटक)
Author : Rehana Begum
Language : Hindi
Edition : 2019
ISBN : 9789384406738
Publisher : RG GROUP
₹200.00
Reviews
There are no reviews yet.