अजात शत्रु : जयशंकर प्रसाद ने अपने वर्तमान की क्षतिपूर्ति अपने गौरवमय अतीत से करने के लिए मिथक सत्य को अपने ऐतिहासिक नाटकों में स्थान दिया। प्रसाद कृत अजातशत्रु में इतिहास मिथगौतम बुद्ध की विश्वमैत्री, मानवता, अहिंसा और क्षमा की अनुगूंज है,तो इतिहास-पुरुष गांधी के मानवतावादी मूल्यों, सत्य और अहिंसा की सुन्दर अभिव्यक्ति भी है। इस तरह प्रसाद ने इतिहास नायक और उससे जुड़ी ऐतिहासिक स्थितियों को समकालीन जीवन-संदर्भो से जोड़कर वर्तमान युगापेक्षित वह वैचारिक सामग्री
और चिन्तन की वह सुदृढ़ भूमि प्रदान की, जिस पर स्थिर होकर आज के मनुष्य की शाश्वत समस्याओं का न केवल दिग्दर्शन किया जा सकता है,अपितु उनके समाधान की दिशा में आगे भी बढ़ा जा सकता है। इस प्रकार प्रस्तुत नाटक में मगध, कोशाम्बी और कौशल जनपदों में व्याप्त सत्ता-संघर्ष, पारस्परिक वैमनस्य,हिंसा, युद्ध और विद्रोह को दर्शाना अथवा इन विषम परिस्थितियों में शान्ति, अहिंसा और करुणा का प्रत्यक्षतः उपदेश देना नाटककार का एकमात्र उद्देश्य न होकर अपने युग की चेतना को ऐतिहासिक सन्दर्भो में उपस्थित करने का भी रहा। राष्ट्रीयता की प्रबल भावना, साम्राज्यवादी चेतना के प्रति आक्रोश, सामाजिक भेदभाव का विरोध, अस्पृश्यता का प्रतिरोध, नारी अस्मिता के लिए संघर्ष सहित कुछ और ऐसे ही समसामयिक औरजीवंत सरोकार इस नाटक में प्रस्तुत हैं, जो युगानुकूलता और प्रासंगिकता की कसौटी पर कसने से खरे उतरते हैं। प्रसाद ने इन्हें अपनी मधुर भावना के अतिरिक्त भाषा को रंगनेवाली चित्रमयी कल्पना और भावुकता की प्रवाहमयता से अत्यधिक आकर्षक बना दिया है।
Ajaat Shatru
अजात शत्रु
Author : Jaishankar Prasad
Language : Hindi
Edition : 2021
ISBN : 9789384406004
Publisher : RG GROUP
₹74.00
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