अपने समय से बेहद नाराज एक प्रेम कवि : डॉ. रामप्रसाद दाधीच ‘प्रसाद’ : डॉ. रामप्रसाद दाधीच कविता-लेखक और अनेक अनुशासनों के चिन्तक के रूप में प्रसिद्ध हैं। कविता-लेखन के क्रम में उनके कई संग्रह हैं, अभी-अभी ‘कैसा अंधकार उतरा वहाँ’ प्रकाशित हुआ है। यह कविता-ग्रंथ महाभारत की राज महिषियों-सत्यवती, गांधारी, कुन्ती, द्रौपदी, देवयानी तथा महानायक कृष्ण और कुपथगामी अश्वत्थामा पर केन्द्रित है। यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि महाभारत के कुरु-कुल की इन राजरानियों का जीवन अपरिमित क्लेश, अपमान और स्त्री होने की दुर्भाग्य-गाथा है। वह द्वापर का समय है लेकिन देखने की बात है कि त्रेता और द्वापर का यह समय अत्यंत विक्षुब्ध घटनाओं और विभीषिकाओं से क्लान्त है। यह समय (त्रेता और द्वापर) विनाशकारी युद्धों का है जिसका कारण और केन्द्र रघुकुल और कुरुकुल की राजमहिषियाँ सीता और द्रौपदी हैं। हमारे इसी भयावह अतीत के कुशल-क्षेम की रक्षा करने के लिए राम और कृष्ण को पृथ्वी पर अवतार लेना पड़ा है।
Apne Samay se Behad Naraz Ek Prem Kavi : Dr. Ramprasad Dadhich ‘Prasad’
अपने समय से बेहद नाराज एक प्रेम कवि : डॉ. रामप्रसाद दाधीच ‘प्रसाद’
Author : Dr. Padmja Sharma
Language : Hindi
ISBN : 9788188757428
Edition : 2017
Publisher : RG GROUP
₹200.00
Reviews
There are no reviews yet.